जम्मू–श्रीनगर/नई दिल्ली, उत्तरी भारत में पिछले दो दिनों से हो रही अनवरत भारी बारिश ने कई जिलों में तबाही मचा दी है। बढ़ते जलस्तर और तटीय नदियों के उफान के चलते बुधवार को भारत ने सीमा पार पाकिस्तान को तवी नदी में बाढ़ की अधिक संभावना से आगाह करते हुए मानवीय आधार पर अलर्ट जारी किया। इसमें बताया गया कि लगातार बरसात के कारण कुछ बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे तटीय इलाकों में जलस्तर अचानक बढ़ सकता है।
सूत्रों के मुताबिक यह तीसरा अलर्ट था — पहला अलर्ट सोमवार को विदेश मंत्रालय के जरिए इस्लामाबाद भेजा गया था। मंगलवार और बुधवार को भी पड़ोसी देश को दो और चेतावनियाँ दी गईं, जिनमें स्पष्ट किया गया कि कुछ बांधों के द्वार खोलने पड़ सकते हैं ताकि बांधों की सुरक्षा बनी रहे और बाहरी इलाकों में अचानक बाढ़ न आ सके। सूत्रों ने बताया कि ये अलर्ट शुद्ध रूप से मानवीय हितों और सीमा पार लोगों की जान-माल की सुरक्षा के मद्देनज़र भेजे गए हैं।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते (इंडस वॉर्स ट्रिटी) पर रोक लगाकर इसे रद्द कर दिया था और पाकिस्तान को जाने वाले पानी पर रोक लगा दी गई थी। उस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी और उसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। इसके बावजूद, सूत्रों का कहना है कि सीमा पार जनजीवन को जोखिम में डालने वाले किसी भी भयानक नुकसान से बचने के लिए ताजा बाढ़ चेतावनी भेजी गई।
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि कई इलाकों में जलस्तर इतना बढ़ चुका है कि बांधों के द्वार खोलने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं रहा। विदेश मंत्रालय ने इस कदम को मानवीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से उठाया गया कदम बताया है। अधिकारी यह भी बता रहे हैं कि बांधों को नियंत्रित तरीके से खोलकर बड़ा नुकसान रोकने की कोशिश की जा रही है।
बारिश के चलते जम्मू में व्यापक बाढ़ की घटनाएँ दर्ज की गई हैं और कई नदियाँ उफान पर हैं। पंजाब में सतलुज, बेआस (व्यास) और रावी सहित कई छोटी नदियाँ भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल सतर्क हैं और आवश्यक जगहों पर अलर्ट जारी कर दिए गए हैं।
अंततः, गंभीर मौसमीय चुनौती के मद्देनज़र दोनों देशों के बीच तनातनी हालात के बावजूद मानवीय सोच को प्राथमिकता देते हुए चेतावनियाँ भेजी गईं — ताकि सीमा पार नागरिकों को समय रहते सूचित कर बड़ा मानवीय संकट टाला जा सके। अधिक जानकारी व ताज़ा स्थिति के लिए स्थानीय प्रशासन एवं मौसम विभाग से जारी आधिकारिक सूचनाओं पर नजर बनाए रखना ज़रूरी है।