
नई दिल्ली।
केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि जिस पार्टी ने छह दशक तक देश पर राज किया, उसने पिछड़े वर्गों की गिनती तक नहीं कराई। जातीय जनगणना को लेकर भाजपा के रुख का समर्थन करते हुए रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को “सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम” करार दिया।
रेड्डी ने सवाल उठाया — “अगर कांग्रेस और राहुल गांधी सचमुच पिछड़ों के हितैषी थे, तो आखिर उन्होंने जाति जनगणना क्यों नहीं करवाई?” उन्होंने कहा कि 60 वर्षों के लंबे शासनकाल के बावजूद कांग्रेस ने जानबूझकर इस संवेदनशील मुद्दे को नजरअंदाज किया।
“भाजपा को किसी की सलाह नहीं चाहिए, हम जानते हैं क्या करना है”
रेड्डी ने स्पष्ट कहा कि भाजपा जातीय आंकड़ों को लेकर अपने राष्ट्रवादी मॉडल पर काम कर रही है। “यह तो बस शुरुआत है… हमें राहुल गांधी या रेवंत रेड्डी की सलाह की जरूरत नहीं है,” उन्होंने कहा।
कांग्रेस पर आरोप: “बीसी की अनदेखी, मुस्लिम तुष्टिकरण”
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर पिछड़े वर्गों (बीसी) की अनदेखी का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने न केवल आरक्षण नीति से छेड़छाड़ की, बल्कि मुस्लिम समुदाय को बिना वैज्ञानिक आधार के बीसी श्रेणी में शामिल कर सामाजिक संतुलन बिगाड़ा।
रेड्डी ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस ने दलित और आदिवासी समुदायों से आने वाले नेताओं का लगातार विरोध किया। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने राम नाथ कोविंद और द्रौपदी मुर्मू जैसे नेताओं की एससी/एसटी पृष्ठभूमि के कारण राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी का विरोध किया।
“तेलंगाना का बीसी सर्वे—वैज्ञानिक नहीं, बीसी विरोधी”
रेड्डी ने तेलंगाना की बीआरएस सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि वहां कराया गया बीसी सर्वेक्षण न तो वैज्ञानिक पद्धति से किया गया और न ही उसमें सभी समुदायों को न्याय मिला। उन्होंने विशेष रूप से बीसी मुसलमानों को इसमें शामिल करने का विरोध किया और कहा कि यह भाजपा के सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण के खिलाफ है।
मनमोहन सरकार ने भी किया था वादा—but never delivered
रेड्डी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जाति जनगणना के लिए उपसमिति बनाने का वादा किया था, लेकिन कांग्रेस ने उसे लागू नहीं किया। इसके उलट, उन्होंने बताया कि भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने उस समय के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर जातीय जनगणना की सार्वजनिक रूप से वकालत की थी।
भाजपा की सीधी चुनौती — कांग्रेस अब जवाब दे कि 60 साल में पिछड़ों की गिनती क्यों नहीं हुई?
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी का यह बयान न केवल कांग्रेस पर निशाना है, बल्कि यह भाजपा के आगामी चुनावी और सामाजिक विमर्श का संकेत भी देता है — जिसमें जातीय जनगणना को राजनीतिक, सामाजिक और वैचारिक मुद्दा बनाकर सामने लाया जाएगा।

VIKAS TRIPATHI
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