नई दिल्ली, 14 जुलाई 2025 —उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट कर राज्य के समग्र विकास से जुड़े अनेक अहम विषयों पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड की आध्यात्मिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े उत्पादों का स्मृति स्वरूप भेंट करते हुए प्रदेश के विकास में केंद्र सरकार के सहयोग के लिए आभार जताया।
‘विकसित भारत 2047’ में उत्तराखंड निभाएगा अहम भूमिका
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि उत्तराखंड, ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रधानमंत्री को कार्तिक स्वामी मंदिर का प्रतिरूप, आदि कैलाश यात्रा पर आधारित कॉफी टेबल बुक और उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पाद जैसे कनार का घी, लाल चावल, बासमती चावल, काला जीरा, जम्बू, गंध रैण और स्थानीय शहद भेंट किए।
उत्तराखंड को सेमीकंडक्टर और कनेक्टिविटी हब बनाने की योजना
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री से ऊधमसिंह नगर के नेपा फार्म को सेमीकंडक्टर हब के रूप में विकसित करने हेतु उद्योग स्थापित कराने का अनुरोध किया। साथ ही दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को हरिद्वार तक विस्तार देने और टनकपुर-बागेश्वर तथा ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं को मार्ग निर्माण योजना में शामिल किए जाने की मांग भी रखी।
नंदा राजजात यात्रा और कुम्भ के लिए मांगा विशेष सहयोग
धामी ने वर्ष 2026 में प्रस्तावित नंदा राजजात यात्रा के सुचारु संचालन हेतु पर्यावरण-संवेदनशील आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 400 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। इसके अतिरिक्त, 2027 में हरिद्वार में प्रस्तावित महाकुंभ के आयोजन के लिए पुलों की मरम्मत, परिवहन, विद्युत, स्वच्छता और पेयजल जैसी सुविधाओं के लिए ₹3500 करोड़ की सहायता मांगी गई।
विद्युत ढांचे के आधुनिकीकरण पर भी फोकस
मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश और हरिद्वार में एचटी व एलटी लाइनें भूमिगत करने तथा पूरी विद्युत प्रणाली को स्वचालित बनाने हेतु ₹1015 करोड़ की डीपीआर को RDS Scheme के तहत मंजूरी देने की मांग रखी। साथ ही उन्होंने चौरासी कुटिया को पुनर्जीवित करने के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से अनुमोदन का अनुरोध किया।
पिण्डर-कोसी लिंक परियोजना: जल संरक्षण और ग्रामीण विकास की दिशा में बड़ा कदम
हिमालयी जल संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए मुख्यमंत्री ने पिण्डर-कोसी लिंक परियोजना को भारत सरकार की विशेष योजना के अंतर्गत लेने का अनुरोध किया। यह परियोजना 625 गांवों की 2 लाख से अधिक आबादी को पेयजल और सिंचाई सुविधा दे सकेगी।
जल विद्युत परियोजनाओं पर भी चर्चा
मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से आग्रह किया कि 596 मेगावाट की पांच जल विद्युत परियोजनाओं को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों के अनुसार मंजूरी दी जाए।
प्रधानमंत्री से मिला भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात, हरिद्वार कुंभ, और जल जीवन मिशन से जुड़ी तैयारियों की जानकारी ली और उन्हें केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री धामी की यह बैठक केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि उत्तराखंड के बहुआयामी विकास की दिशा में एक ठोस कदम साबित हो रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन, धर्म, उद्योग और जल-संसाधनों से जुड़े प्रस्तावों को प्रधानमंत्री से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखती है।