
मुंबई/नागपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय दौरे के बाद राजनीतिक हलकों में अटकलों का दौर शुरू हो गया। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने दावा किया कि संघ मोदी के उत्तराधिकारी की तलाश कर रहा है और यह दौरा उनके संन्यास की तैयारी का संकेत है।
हालांकि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए जोर देकर कहा कि पीएम मोदी 2029 में भी प्रधानमंत्री रहेंगे, और उनके उत्तराधिकारी को लेकर किसी चर्चा की आवश्यकता नहीं है।
फडणवीस का करारा जवाब – ‘उत्तराधिकारी की कोई जरूरत नहीं, यह मुगल संस्कृति नहीं है’
🔹 सीएम देवेंद्र फडणवीस ने संजय राउत के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा –
🗨️ “जब एक नेता सक्रिय हो, तो उत्तराधिकारी पर चर्चा करना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। जब पिता जीवित हो, तो उसके उत्तराधिकारी की बात करना गलत है। यह भारतीय नहीं, बल्कि मुगल संस्कृति है।”
🔹 फडणवीस ने स्पष्ट किया कि पीएम मोदी कई और वर्षों तक देश का नेतृत्व करेंगे और 2029 में भी प्रधानमंत्री के रूप में देखे जाएंगे।
🔹 RSS के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश ‘भैयाजी’ जोशी ने भी साफ किया कि प्रधानमंत्री के उत्तराधिकारी को लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही है।
संजय राउत का दावा – ‘आरएसएस नेतृत्व परिवर्तन चाहता है’
🔹 शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने कहा कि पीएम मोदी की नागपुर यात्रा सिर्फ एक सामान्य दौरा नहीं था, बल्कि इसके पीछे एक गंभीर संदेश छिपा था।
🔹 उन्होंने कहा –
🗨️ “संघ अब राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव चाहता है। मोदी संभवतः सितंबर में अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर सकते हैं। वह नागपुर में RSS मुख्यालय गए थे ताकि रिटायरमेंट का पत्र लिखने पर चर्चा कर सकें।”
🔹 राउत ने इस बात पर भी जोर दिया कि 75 वर्ष की आयु पार करने वाले नेताओं को बीजेपी में रिटायरमेंट लेना होता है। मोदी इस साल सितंबर में 75 साल के हो जाएंगे, जिससे ये अटकलें और तेज हो गई हैं।
मोदी के दौरे को लेकर RSS की सफाई – ‘यह सिर्फ एक आधिकारिक यात्रा थी’
🔹 आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी भैयाजी जोशी ने संजय राउत के दावों को खारिज करते हुए कहा कि –
🗨️ “प्रधानमंत्री के उत्तराधिकारी पर किसी तरह की कोई चर्चा नहीं हुई। मोदी के दौरे का उद्देश्य केवल संगठनात्मक गतिविधियों और विकास योजनाओं की समीक्षा था।”
🔹 मोदी नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय का दौरा करने वाले दूसरे मौजूदा प्रधानमंत्री बने।
🔹 इससे पहले, अटल बिहारी वाजपेयी ने 2000 में अपने कार्यकाल के दौरान संघ मुख्यालय का दौरा किया था।
क्या मोदी 2029 तक प्रधानमंत्री रहेंगे?
🔹 फडणवीस और RSS नेताओं के बयान से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि पीएम मोदी 2024 के चुनाव में फिर से जीतकर सरकार बनाएंगे और 2029 तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
🔹 बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि मोदी के नेतृत्व में पार्टी के पास 2024 चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने की रणनीति तैयार है।
🔹 हालांकि, शिवसेना (उद्धव गुट) और विपक्षी पार्टियां मोदी के संन्यास की अटकलों को हवा दे रही हैं, लेकिन बीजेपी और RSS इसे सिर्फ राजनीतिक भ्रम फैलाने की कोशिश बता रहे हैं।
मोदी की आरएसएस यात्रा का महत्व
🔹 RSS मुख्यालय में मोदी की यात्रा को तीन मुख्य बिंदुओं से जोड़कर देखा जा रहा है –
1️⃣ संघ के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात – पीएम मोदी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत और अन्य नेताओं से मुलाकात की।
2️⃣ माधव नेत्रालय केंद्र भवन की आधारशिला – मोदी ने नागपुर में माधव नेत्रालय सेंटर का उद्घाटन किया, जिसे आरएसएस समर्थित संगठन संचालित करता है।
3️⃣ संघ के साथ संबंध मजबूत करना – मोदी ने RSS को भारत की ‘अमर संस्कृति का वट वृक्ष’ कहा, जिससे साफ है कि संघ और बीजेपी के रिश्ते और मजबूत हो रहे हैं।
अटकलों पर विराम या नई बहस?
🔹 सीएम फडणवीस और आरएसएस के बयानों से साफ है कि मोदी की रिटायरमेंट की अटकलें बेबुनियाद हैं।
🔹 बीजेपी का पूरा ध्यान 2024 चुनावों पर है, और मोदी के उत्तराधिकारी पर चर्चा का सवाल ही नहीं उठता।
🔹 हालांकि, विपक्ष मोदी की उम्र और संघ के फैसलों को लेकर लगातार सवाल खड़ा कर रहा है, जिससे यह बहस जल्दी खत्म होने वाली नहीं दिखती।
📢 क्या संजय राउत का दावा महज एक राजनीतिक शिगूफा है या वाकई संघ के भीतर कोई बदलाव की योजना बन रही है? 2024 के चुनाव नतीजे इस पर सबसे बड़ा फैसला होंगे।