शासन की मंशा पर पानी फेर रहे साहब
गाज़ीपुर – जखनिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार की सुबह 10:15 बजे निरीक्षण के दौरान गंभीर लापरवाही सामने आई। निर्धारित समय पर ड्यूटी पर मौजूद रहने वाले कई स्वास्थ्यकर्मी अपने-अपने टेबल से गायब मिले। बाहर और अंदर लगभग 50 से अधिक मरीज इलाज, दवा और जांच के इंतज़ार में परेशान बैठे दिखे।
ड्यूटी के समय कई कर्मचारी लापता
निरीक्षण के दौरान कई टेबलों पर जेएनएम और एएनएम की छात्राएं व छात्र तो मौजूद थे, लेकिन वास्तविक कर्मचारी नदारत मिले। प्रसव कक्ष में तैनात नर्स (एनएम) भी अनुपस्थित मिली। मौजूदा नर्स ने बताया— “अभी आई थीं, बाहर कहीं चली गई हैं।”
आवश्यक चिकित्सा सेवाएँ बाधित
एक्स-रे तकनीशियन, दंत विभाग का स्टाफ, फार्मासिस्ट, सर्जन और चिकित्साधिकारी के कार्यालय पर या तो ताले लटके मिले या किसी अन्य व्यक्ति को बैठा पाया गया। इससे मरीजों को दवा, जांच और उपचार में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
सफाई पर, सवाल बरकरार
जब इस लापरवाही पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अवधेश कुमार से सवाल किया गया, तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा—
“मरीज अक्सर देर से आते हैं। सभी स्टाफ आए हुए हैं, कुछ धूप में बाहर गए हैं और कुछ अंदर मरीज देख रहे हैं।”
: सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर घटता भरोसा
एक तरफ सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी निभाने में कोताही बरत रहे हैं।शायद यही कारण है कि लोग शिक्षा के लिए अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में और इलाज के लिए निजी अस्पतालों में भेजने को अधिक विश्वसनीय मानते हैं।














