
Akhilesh Yadav News: दिल्ली में संसद का शीतकालीन सत्र जारी है, लेकिन इस बार की चर्चा का केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता नहीं, बल्कि लोकसभा में नई सीटिंग व्यवस्था है। 6 महीने पहले बजट सत्र में विपक्ष एकजुट नजर आ रहा था, लेकिन अब नई संसद में बदली सीट व्यवस्था ने सपा और कांग्रेस के बीच दूरी को उजागर कर दिया है।
अखिलेश-अवधेश की जोड़ी हुई अलग
सपा सांसद अवधेश प्रसाद, जो पहले अखिलेश यादव के बगल में बैठते थे, अब नई सीटिंग व्यवस्था के तहत पीछे की सीट पर चले गए हैं। अखिलेश यादव की सीट भी फ्रंट रो से हटकर छठे ब्लॉक में पहुंच गई है, जहां वे अब सीट नंबर 355 पर बैठेंगे। वहीं, अवधेश प्रसाद अब डिंपल यादव के पास सीट नंबर 357 पर बैठे नजर आएंगे।
राहुल गांधी से भी बढ़ी दूरी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जो पहले अखिलेश के पास बैठते थे, अब भी आठवें ब्लॉक में सीट नंबर 498 पर हैं। इससे संसद में राहुल और अखिलेश की सीटों की भौतिक दूरी काफी बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक, इस बदले हुए व्यवस्था से अखिलेश यादव खासे नाराज हैं। उनकी शिकायत है कि कांग्रेस ने इस बदलाव की जानकारी उन्हें समय पर नहीं दी।
अखिलेश यादव ने फ्रंट रो की सीट की मांग की थी
समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव और अवधेश प्रसाद के लिए फ्रंट रो में सीटें मांगी थीं, लेकिन सिर्फ एक सीट मिली। अखिलेश का मानना है कि यदि कांग्रेस ने वक्त रहते इस मुद्दे पर उनसे बात की होती, तो इसे सुलझाया जा सकता था। नाराज अखिलेश यादव ने स्पीकर से मुलाकात कर अपनी असहमति जताई है।
गठबंधन में खटास के संकेत
इस नई व्यवस्था के चलते सपा-कांग्रेस गठबंधन में खटास साफ नजर आ रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला केवल सीटिंग अरेंजमेंट का नहीं, बल्कि सपा और कांग्रेस के बीच बढ़ती दूरी का संकेत है। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में तालमेल की कमी को उजागर करने वाला यह मुद्दा 2024 लोकसभा चुनावों के समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।
लोकसभा में बैठने की व्यवस्था
लोकसभा में कुल 8 ब्लॉक और 12 रो हैं। पहली पंक्ति में 20 सीटें हैं, जहां प्रमुख नेताओं और मंत्रियों को जगह दी जाती है। प्रधानमंत्री सीट नंबर 1 पर बैठते हैं, जबकि विपक्ष के नेता सीट नंबर 498 पर। इंडिया गठबंधन को पहली पंक्ति में कुल 7 सीटें मिली हैं, लेकिन सपा को इसमें सिर्फ एक सीट मिलना अखिलेश यादव के लिए चिंता का विषय है।
क्या गठबंधन की एकता खतरे में है?
नई सीटिंग व्यवस्था से उठे विवाद ने विपक्षी एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सपा-कांग्रेस के बीच यह खटास विपक्ष की रणनीति और आगामी लोकसभा चुनावों पर असर डाल सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि गठबंधन इस मतभेद को कैसे सुलझाता है।