
15 मार्च तक नए अध्यक्ष की संभावना, संजय जोशी की भूमिका पर भी चर्चा
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संगठनात्मक चुनाव अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं, और अब पार्टी जल्द ही अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेगी। पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी संभव है जब आधे से अधिक राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो जाएं। अब तक भाजपा ने 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में से 12 में चुनाव संपन्न कर लिए हैं, और शेष राज्यों में यह प्रक्रिया तेजी से जारी है। सूत्रों के अनुसार, 15 मार्च तक भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है।
प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया जारी
भाजपा ने अब तक 12 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश में जिलाध्यक्षों के चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा, जो अगले एक से डेढ़ सप्ताह में पूरा होने की संभावना है। इसके अलावा, बिहार, मध्य प्रदेश और अन्य बड़े राज्यों में भी प्रदेश अध्यक्षों के नाम तय किए जाएंगे। भाजपा द्वारा मानदंडों को पूरा करने के लिए आने वाले हफ्तों में छह राज्यों में चुनाव कराने की योजना है, जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।
जेपी नड्डा का कार्यकाल और देरी के कारण
जेपी नड्डा जनवरी 2020 में भाजपा के 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे। उनके कार्यकाल के दौरान भाजपा ने कई राज्यों में विधानसभा चुनाव जीते और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव और लंबित राज्य इकाई चुनावों के कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी हो रही है। पार्टी का प्रयास है कि मार्च के पहले सप्ताह तक सभी लंबित संगठनात्मक चुनाव पूरे कर लिए जाएं ताकि होली (14 मार्च) से पहले नए अध्यक्ष की घोषणा हो सके।
संभावित उम्मीदवारों के नाम पर मंथन
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए कई वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चा में हैं। पार्टी इस बार दक्षिण भारत में अपने विस्तार को ध्यान में रखते हुए कुछ नए चेहरे ला सकती है। संभावित नामों में शामिल हैं:
दक्षिण भारत से संभावित उम्मीदवार
• जी. किशन रेड्डी – केंद्रीय कोयला एवं पर्यटन मंत्री, तेलंगाना से सांसद।
• बंडी संजय कुमार – केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, तेलंगाना के करीमनगर से सांसद।
• प्रह्लाद जोशी – केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री, कर्नाटक से सांसद।
उत्तर भारत से संभावित उम्मीदवार
• शिवराज सिंह चौहान – मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, पार्टी के वरिष्ठ नेता।
• देवेंद्र फडणवीस – महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, युवा और प्रभावशाली नेता।
• सरोज पांडेय – भाजपा की कद्दावर महिला नेता, छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद।
क्या संजय जोशी की वापसी संभव?
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री संजय विनायक जोशी की भूमिका को लेकर भी चर्चा हो रही है। संगठनात्मक मामलों में उनकी गहरी पकड़ रही है और पार्टी के कई बड़े नेताओं के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। 1990 के दशक में भाजपा के विस्तार में उनकी भूमिका अहम रही थी, लेकिन 2005 में एक विवाद के बाद उन्हें पार्टी से अलग होना पड़ा। हालांकि, हाल के महीनों में संघ और भाजपा के बीच चर्चा के दौरान उनका नाम फिर से उभरकर सामने आया है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा के भीतर एक धड़ा संजय जोशी की संगठनात्मक क्षमताओं को देखते हुए उन्हें फिर से अहम भूमिका देने के पक्ष में है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी नेतृत्व इस पर क्या फैसला लेता है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का इतिहास
भाजपा की स्थापना के बाद से अब तक 11 राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी (1980-1986) थे, जिनके बाद लाल कृष्ण आडवाणी ने कई कार्यकालों तक इस पद को संभाला। 2000 के दशक में मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और अमित शाह जैसे नेताओं ने पार्टी को मजबूत किया। अब देखना यह है कि जेपी नड्डा के बाद पार्टी किसे इस महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपती है।
आगे की रणनीति
भाजपा मार्च के पहले सप्ताह तक संगठनात्मक चुनावों को पूरा करने की योजना बना रही है। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। पार्टी का लक्ष्य है कि 15 मार्च तक नए अध्यक्ष का ऐलान कर दिया जाए।
राजनीतिक विश्लेषण
भाजपा के नए अध्यक्ष के चयन में कई पहलू महत्वपूर्ण होंगे। पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद संगठन को मजबूत बनाए रखने की जरूरत है, साथ ही 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए भी यह निर्णय अहम होगा।
भाजपा जल्द ही अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने जा रही है। कई वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चा में हैं, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व और संघ के समन्वय से लिया जाएगा। संजय जोशी की संभावित वापसी और संगठन में उनकी भूमिका भी इस पूरे घटनाक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकती है। आगामी दिनों में इस विषय पर अधिक स्पष्टता आने की उम्मीद है।