
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस समय भारी असमंजस और गहन मंथन के दौर से गुजर रही है। पार्टी संगठन से लेकर सरकार तक बड़े बदलाव करने की तैयारी में है, लेकिन फैसले लगातार टलते जा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति, जिलाध्यक्षों का चुनाव और योगी सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल, ये तीन अहम बदलाव पार्टी की प्राथमिकता में हैं, लेकिन रणनीति को लेकर अंदरखाने गहमागहमी तेज है।
भाजपा संगठन को नए सिरे से गढ़ने की तैयारी!
भाजपा उत्तर प्रदेश में संगठन को नए सिरे से मजबूत करने और 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति को धार देने के लिए पूरी बारीकी से मंथन कर रही है।
• जिलाध्यक्षों की नियुक्ति— पहले जिलाध्यक्षों की सूची जारी होगी, जिसे केंद्रीय नेतृत्व अंतिम मुहर के लिए देख रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस सूची में महिला प्रतिनिधित्व और उम्र को आधार बनाकर कुछ संशोधन किए गए हैं।
• प्रदेश अध्यक्ष का चयन— जिलाध्यक्षों के बाद प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होगी, जिसका फैसला होली के बाद लिया जाएगा।
• मंत्रिमंडल विस्तार— संगठन की प्रक्रियाओं के बाद ही योगी सरकार में बड़े स्तर पर फेरबदल किया जाएगा। कई मंत्रियों की परफॉर्मेंस की समीक्षा हो चुकी है, और कमजोर प्रदर्शन करने वालों की छुट्टी तय मानी जा रही है।
प्रदेश अध्यक्ष कौन? हरीश द्विवेदी सबसे आगे, कई नाम दौड़ में
भाजपा का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है। पार्टी एक ऐसा चेहरा चुनना चाहती है जो न केवल संगठन को मजबूत करे, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की सत्ता वापसी की गारंटी भी बने।
संभावित नाम और समीकरण
1. हरीश द्विवेदी (ब्राह्मण, पूर्व सांसद)
• पूर्वांचल के बस्ती से आते हैं और संघ के बेहद करीबी माने जाते हैं।
• भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के अध्यक्ष रह चुके हैं, संगठन पर मजबूत पकड़।
• कई राज्यों के प्रभारी के रूप में काम कर चुके हैं, युवा नेतृत्व के तौर पर उभर सकते हैं।
2. दिनेश शर्मा (ब्राह्मण, पूर्व उपमुख्यमंत्री)
• यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री और संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं।
• भाजपा के सदस्यता अभियान के प्रभारी रहते हुए पार्टी को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनाने में अहम भूमिका निभाई।
• सरकार और संगठन दोनों में अच्छी पकड़, लेकिन नई लीडरशिप को मौका देने की रणनीति में बाधक हो सकते हैं।
3. बी.एल. वर्मा (ओबीसी, केंद्रीय मंत्री)
• केंद्रीय नेतृत्व में प्रभावशाली ओबीसी चेहरा।
• संघ और संगठन में अच्छी पकड़।
• क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से उपयुक्त, लेकिन दिल्ली से लखनऊ भेजा जाएगा या नहीं, यह स्पष्ट नहीं।
4. धर्मपाल सिंह (ओबीसी, कैबिनेट मंत्री)
• योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, संगठन और सरकार दोनों में प्रभावशाली।
• इससे पहले भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल रहे, लेकिन अंतिम फैसला उन पर नहीं हुआ।
5. रेखा वर्मा (महिला कार्ड, पूर्व सांसद)
• महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने की चर्चा के बीच उनका नाम उभरा, लेकिन दिल्ली में रेखा गुप्ता की ताजपोशी के बाद उत्तर प्रदेश में किसी महिला को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना बेहद कम।
योगी मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल संभव! कई मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी
भाजपा सिर्फ संगठन ही नहीं, बल्कि योगी सरकार के मंत्रिमंडल में भी बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है।
• कई मंत्रियों के कामकाज से योगी आदित्यनाथ नाखुश— पार्टी की समीक्षा में कुछ मंत्रियों का प्रदर्शन बेहद कमजोर पाया गया है, जिससे न केवल सरकार की छवि खराब हो रही है, बल्कि 2024 लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा।
• नए चेहरों की एंट्री— कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है, जिससे सरकार में नई ऊर्जा और जातीय संतुलन स्थापित किया जा सके।
• कुछ मंत्रियों को संगठन में भेजे जाने की संभावना— कुछ मौजूदा मंत्रियों को पार्टी संगठन में अहम भूमिकाएं सौंपी जा सकती हैं।
2027 के लिए भाजपा की मास्टर स्ट्रैटेजी!
भाजपा का यह पूरा फेरबदल 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
1. क्षेत्रीय संतुलन— पूर्वांचल, पश्चिमी यूपी, बुंदेलखंड और अवध को ध्यान में रखकर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।
2. जातीय गणित— भाजपा ब्राह्मण, ओबीसी और दलित समीकरण को संतुलित करने की रणनीति पर काम कर रही है।
3. युवा और नए नेतृत्व को प्राथमिकता— पार्टी युवा और ऊर्जावान नेतृत्व को सामने लाने की कोशिश में है।
क्या भाजपा एक बार फिर चौंकाने वाला फैसला लेगी?
भाजपा हमेशा अपने अप्रत्याशित फैसलों से राजनीति में हलचल मचाती रही है। इस बार भी संगठन और सरकार में किसी ऐसे नाम को आगे लाया जा सकता है जो अब तक चर्चाओं में नहीं है।
अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि—
• होली से पहले जिलाध्यक्षों की सूची जारी होगी
• होली के बाद प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान किया जाएगा
• इसके बाद योगी सरकार के मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होगा
क्या भाजपा का यह मास्टर स्ट्रोक 2027 में दोबारा सत्ता दिलाएगा?
भाजपा की पूरी कोशिश है कि यह बदलाव 2027 के लिए एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा तैयार करे। लेकिन क्या ये बदलाव पार्टी को सत्ता में वापसी दिलाने के लिए पर्याप्त होंगे? या फिर जनता अब किसी नए सियासी समीकरण की ओर देख रही है?
अब सबकी निगाहें भाजपा के अगले बड़े फैसले पर टिकी हैं।

VIKAS TRIPATHI
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