बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच NDA और INDIA ब्लॉक में सीट शेयरिंग को लेकर जारी सिर-फुटव्वल ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। ऐसे समय में, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भागलपुर विधानसभा से NDA के संभावित मजबूत उम्मीदवार अश्वनी चौबे ने इस स्थिति पर अपनी नाराज़गी और अफसोस व्यक्त किया है।
चौबे ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि, “ऐसी परिस्थिति पहले कभी नहीं हुई, शर्म आनी चाहिए।” उन्होंने प्रधानमंत्री के कथन का हवाला देते हुए कहा, “जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि बिहार लोकतंत्र की जननी है, तो पूरे भारत का गौरव बढ़ता है। लेकिन अफसोस, आज उसी बिहार में लोकतंत्र के महापर्व से पहले राजनीतिक सिर-फुटव्वल हो रहा है। यह कोई मेला नहीं है।”
संयम और सुचिता से लोकतंत्र बचाने की अपील
अश्वनी चौबे ने जनता से विश्वास, संवाद और संयम बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि जनता लोकतंत्र के महापर्व को उत्सव के रूप में मनाने के लिए तैयार है, लेकिन राजनीतिक विरोधाभास इसे खतरे में डाल रहे हैं।
अपनी पोस्ट के अंत में चौबे ने लिखा, “लोकतंत्र की हिफ़ाज़त हम सबका फर्ज है। यह कोई मेला नहीं, यह जनविश्वास की नब्ज़ है।”
NDA उम्मीदवारों की लिस्ट पर अटकाव
सूत्रों के अनुसार, NDA उम्मीदवारों की लिस्ट सोमवार को जारी होने वाली थी, जिसे JDU ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी थी।
लेकिन यह सूची मंगलवार शाम तक टाल दी गई, जिससे सीटों पर गठबंधन के बीच विवाद और बढ़ गया।
चुनाव आयोग की तरफ से नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 18 अक्टूबर है, और अब साफ दिखाई दे रहा है कि सीटों को लेकर गठबंधन के भीतर सहमति नहीं बन पा रही।
बिहार में चुनाव दो चरणों में होंगे — पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर, जबकि नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
राजनीतिक माहौल
जहां कांग्रेस और RJD के बीच भी सीट शेयरिंग को लेकर मतभेद उभर रहे हैं, वहीं NDA में भी लगातार नाराज़गी और विवाद की खबरें सामने आ रही हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि गठबंधन में इस टकराव का असर प्रत्याशियों की घोषणा और चुनावी रणनीति पर पड़ सकता है