बिहार में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही राजनीतिक दलों ने जनता को साधने की कवायद शुरू कर दी है। एक ओर जहां विपक्षी दल सरकार को घेरने में लगे हैं, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नौकरियों और रोजगार को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है, जो राज्य की सियासत में नई हलचल पैदा कर रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि उनकी सरकार का हमेशा से यही लक्ष्य रहा है कि राज्य के अधिकतम युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार मिले। उन्होंने दावा किया कि 2005 से 2020 के बीच 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई।
2020 में रखा 50 लाख रोजगार का लक्ष्य, अब तक मिल चुके 49 लाख से ज्यादा मौके
सीएम नीतीश ने बताया कि 2020 में शुरू हुए ‘सात निश्चय -2’ कार्यक्रम के अंतर्गत उनकी सरकार ने 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को निजी क्षेत्र में रोजगार देने का संकल्प लिया था। बाद में इस लक्ष्य को बढ़ाकर अगस्त 2025 तक 50 लाख रोजगार (12 लाख सरकारी + 38 लाख निजी क्षेत्र) तक पहुंचा दिया गया।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि:
“अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और करीब 39 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। यानी कुल 49 लाख से अधिक अवसर उपलब्ध कराए जा चुके हैं। हमें पूरा विश्वास है कि 50 लाख का लक्ष्य समय पर पूरा कर लिया जाएगा।”
2025 से 2030 तक 1 करोड़ रोजगार का नया लक्ष्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने बयान में कहा कि अगले पांच वर्षों (2025 से 2030) के लिए एक और बड़ा संकल्प लिया गया है — 1 करोड़ लोगों को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को पाने के लिए औद्योगिक और निजी क्षेत्रों में नए अवसर सृजित किए जाएंगे और इसके लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन भी किया जा रहा है।
कर्पूरी ठाकुर के नाम पर बनेगा ‘कौशल विश्वविद्यालय’
नीतीश कुमार ने घोषणा की कि युवाओं के कौशल विकास को और अधिक मजबूती देने के लिए एक ‘कौशल विश्वविद्यालय’ की स्थापना की जाएगी। इसका नाम बिहार के गौरव, भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर रखा जाएगा।
उन्होंने कहा:“राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण देने हेतु सात निश्चय योजना के तहत चल रहे कौशल विकास कार्यक्रम को व्यापक किया जाएगा। ताकि युवा आत्मनिर्भर बन सकें।”
राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार मिले, ये शुरू से ही हमारी सोच रही है। वर्ष 2005 से 2020 के बीच राज्य में 8 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने की गति को और बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में हमने सुशासन के…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) July 13, 2025
राजनीतिक संदेश भी स्पष्ट
चुनाव से पहले नीतीश कुमार का यह एलान सिर्फ एक विकास योजना नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी एक बड़ा संदेश है। जहां एक ओर विपक्ष रोजगार और बेरोजगारी के मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रहा है, वहीं नीतीश कुमार ने सांख्यिकीय दावा और भविष्य की योजना दोनों सामने रख दी है — जिससे न सिर्फ युवा वर्ग को लुभाया जा सके, बल्कि सत्ताधारी गठबंधन को मजबूती भी मिले।
निचोड़ में कहा जाए तो:
नीतीश कुमार का ये ऐलान 2025 के चुनावी रण में एक अहम हथियार बन सकता है — खासकर तब जब युवाओं के बीच रोजगार की मांग सबसे बड़ी प्राथमिकता बन चुकी है।