गाज़ीपुर के बिरनो क्षेत्र के भड़सर में रामलीला स्थल पर अति प्राचीन श्री रामलीला व दुर्गा पूजन समिति के बैनर तले गुरुवार की रात को रामलीला के मंचन का शुभारंभ हुआ। इस आयोजन की शुरुआत नारद मोह प्रसंग से की गई। इस मौके पर समाजसेवी बृजेश सिंह ने फीता काटकर इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि रामलीला से जीवन जीने की महत्वपूर्ण सीख मिलती है।
रामलीला का पहला प्रसंग नारद मोह का मंचन था, जिसमें नारदजी के जीवन की कथा का प्रदर्शन हुआ। मंचन में दिखाया गया कि नारदजी का जन्म एक आश्रम में हुआ, जहां उनकी मां आश्रम की सेविका थीं। ऋषि-महर्षियों के संपर्क में आने से उनके मन में आध्यात्मिक जिज्ञासा जागृत हुई और वे योग के मार्ग पर चल पड़े।
एक दिन भगवान विष्णु और नारदजी वन में घूम रहे थे, तभी विष्णुजी थककर एक पेड़ के नीचे बैठ गए और नारदजी से पानी लाने को कहा। नारदजी पानी लाने चले गए, और भगवान विष्णु ने अपनी माया से नारदजी को सत्य के मार्ग पर लाने का प्रयास किया। इस पूरे मंचन ने दर्शकों का दिल जीत लिया, और कलाकारों की प्रस्तुति को खूब सराहा गया।
इस मौके पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विनोद सिंह ,उपाध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह टुनटुन, कोषाध्यक्ष पप्पू गुप्ता ,महामंत्री इद्रीश खान, मंत्री सुभाष पटेल, पूर्व प्रधान कृपा शंकर जायसवाल ,बाढू पटेल, सुरेश सिंह, वीरेंद्र सिंह ,मनीष सिंह, नंदलाल सिंह, संतोष खरवार सहित अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता गण मौजूद रहे ।इस मौके पर रामलीला कमेटी के संरक्षक और वर्तमान ग्राम प्रधान विनोद गुप्ता ने दशकों से शांति प्रिय ढंग से वर्षों से चली आ रही रामलीला को संपन्न कराने का निवेदन भी किया।