
यूपी – उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सत्ताधारी दल में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के जखनिया से विधायक बेदी राम अब शिकंजे में आ सकते हैं। नीट परीक्षा में गड़बड़ी के बाद इन दिनों पेपर लीक का मामला काफी चर्चा में बना हुआ है. इस बीच ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा के विधायक बेदीराम का नाम भी पेपर लीक में सामने आया है जिसके बाद प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अब बेदीराम की गिरफ्तारी की मांग की है तो वहीं अब बेदी राम से जुड़ी दशकों पुरानी घटना की यादें ताजा हो गई हैं जब बड़े ही नाटकीय ढंगजैसे-जैसे पेपर लीक मामले को लेकर विरोध तेज हो रहा है वैसे-वैसे नए खुलासे होते जा रहे हैं. इसी बीच सुभासपा से विधायक बेदी राम भी इस मामले में घिरते नज़र आ रहें हैं. लगभग दशक पहले, पहली बार बेदी राम एसटीएफ के रडार पर आए थे. उस वक्त बेदी राम की गिरफ्तारी की कहानी भी खूब सुर्खियों में थी. जब नाटकीय ढंग से हुई थी गिरफ्तारीदरअसल लखनऊ में साल 2011 में सुभासपा विधायक बेदी राम की गिरफ्तारी हुई थी.
जब एसटीएफ़ ने बड़े ही नाटकीय ढंग से बेदी राम को उनके घर से गिरफ्तार किया था. इस पूरे मिशन की अगुवाई कर रहे थे तत्कालीन एसटीएफ एसपी संतोष कुमार सिंह. एसटीएफ की टीम बेदी राम की गिरफ्तारी के लिए लंबे समय से जाल बुन रही थी. इसी जाल के तहत एसटीएफ ने एक खास प्लान तैयार किया. कहा जाता है कि उस वक्त बेदी राम किसी से मिलते जुलते नहीं थे. मिशन के अनुसार एसटीएफ की टीम मांगलिक कार्यक्रम में तिलकहरु के वेश धारण करके जखनिया स्थित उनके घर पर पहुंची थी. इन सब बातों से बेखबर बेदी राम ने अपने घर पर आई एसटीएफ की टीम का खूब आवाभगत किया. इस बात की किसी को कानों कान खबर ना लगे इसलिए एसटीएफ की टीम भी मिठाई और फलों की टोकरी के साथ बेदी राम के घर पर पहुंची थी. बेदी राम के घर खुशियों का माहौल था, लेकिन इसी बीच जब एसटीएफ की टीम ने अपना असली परिचय दिया तो बेदी राम के होश उड़ गए. जब तक बेदी राम कुछ समझ पाते तब तक एसटीएफ की टीम ने उन्हें धर दबोचा. सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि इसकी पुष्टि बहुत जल्द ही हो जायेगी।