17 नवंबर: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को BJP के ‘बांटेंगे तो काटेंगे’ नारे को ब्रिटिश शासन की ‘बांटो और राज करो’ नीति जैसा बताते हुए इसे ‘नकारात्मक’ करार दिया और कहा कि ऐसे नारे जनता द्वारा खारिज कर दिए जाएंगे।
अखिलेश यादव ने HT लीडरशिप समिट में कहा कि जब BJP दोहरे इंजन की सरकार की बात करती थी, अब उत्तर प्रदेश में उनके ‘इंजन’ आपस में टकरा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा उपचुनावों की तारीख 13 नवंबर से बदलकर 20 नवंबर कर दी गई, क्योंकि BJP को अपनी हार का अंदेशा था।
महाराष्ट्र चुनाव में BJP के ‘बांटेंगे तो काटेंगे’ नारे पर विवाद
समिट के दौरान अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार ने बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में नाकाम रही है और प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन सही ढंग से नहीं कर पाई है, जिससे युवाओं में नाराजगी है।
अखिलेश यादव ने कहा कि BJP के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया “बांटेंगे तो काटेंगे” नारा ‘नकारात्मक’ है और इसे जनता अस्वीकार कर देगी। उन्होंने यह भी कहा कि BJP के सहयोगी दलों ने भी ऐसे नारों की आलोचना की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चुनावी अभियानों में “एक है तो सुरक्षित है” जैसे नारे का इस्तेमाल कर रहे हैं।
विपक्षी दलों का मानना है कि ‘बांटेंगे तो काटेंगे’ नारे में सांप्रदायिक रंग झलकता है।
एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने विश्वास जताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन MVA जीत हासिल करेगा।
VIKAS TRIPATHI
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