
भारत की रक्षा क्षमता को बड़ी मजबूती देते हुए, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने गाइडेड पिनाका हथियार प्रणाली का सफल उड़ान परीक्षण किया है।
तीन चरणों में हुआ सफल परीक्षण
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन परीक्षणों को तीन अलग-अलग चरणों में विभिन्न फील्ड फायरिंग रेंज में अंजाम दिया गया। इन परीक्षणों के दौरान रॉकेटों की रेंज, सटीकता और स्थिरता की गहनता से जांच की गई, जिसमें कई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक साधा गया।
पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS):
पिनाका रॉकेट प्रणाली को आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ARDE) ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी (DRDL), हाई एनर्जी मटीरियल्स रिसर्च लैबोरेटरी (HEMRL) और प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टैब्लिशमेंट (PXE) के सहयोग से विकसित किया है। परीक्षण के दौरान दो इन-सर्विस पिनाका लॉन्चरों से 12 रॉकेट दागे गए, जो प्रत्येक प्रोडक्शन एजेंसी से लिए गए थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO और सेना को इस सफल परीक्षण के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस गाइडेड पिनाका हथियार प्रणाली को शामिल करने से सशस्त्र बलों की आर्टिलरी फायरपावर में और वृद्धि होगी।
पिनाका के उन्नत संस्करण:
- मार्क-I वेरिएंट की अधिकतम रेंज 45 किलोमीटर है।
- मार्क-II ER वेरिएंट की रेंज 90 किलोमीटर तक पहुंच सकती है।
- उन्नत पिनाका प्रणाली की स्ट्राइक रेंज 75 किलोमीटर तक है।
- यह प्रणाली 44 सेकंड में 12 रॉकेट दाग सकती है।
- पिनाका विभिन्न प्रकार के वॉरहेड्स ले जा सकती है, जैसे हाई-एक्सप्लोसिव, एंटी-टैंक, एंटी-कार्मिक और आग लगाने वाले म्यूनिशन।
- इसे तात्रा ट्रक पर माउंट किया जा सकता है और किसी भी स्थान पर तैनात किया जा सकता है।
- यह काउंटर-टेररिज्म, सीमा रक्षा और पारंपरिक युद्ध जैसी विभिन्न सैन्य आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त है।
सटीकता और परफॉर्मेंस
गाइडेड पिनाका संस्करण उपग्रह संकेतों का उपयोग कर सटीक निशाना साधता है। पिनाका-Mk3 वेरिएंट किसी भी मौसम में ऑपरेट करने में सक्षम है।
इस प्रणाली का नाम भगवान शिव के दिव्य धनुष “पिनाका” से लिया गया है।
DRDO प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस सफल परीक्षण के लिए टीम को बधाई दी और कहा कि सभी आवश्यक परीक्षण पूरे होने के बाद अब इस रॉकेट प्रणाली को भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा।