तमिलनाडु की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ लेते हुए मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राज्यसभा चुनाव के लिए जिन तीन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, उनमें सबसे चर्चित नाम है मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) के अध्यक्ष और फिल्म अभिनेता कमल हासन का। इस नामांकन को डीएमके और एमएनएम के बीच भविष्य की राजनीतिक एकजुटता की दिशा में एक दूरगामी रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो विशेष रूप से 2026 में संभावित विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
गठबंधन की राजनीति में नया अध्याय
डीएमके द्वारा घोषित तीन उम्मीदवारों में कमल हासन के अलावा वर्तमान सांसद आरएस भारती (विल्सन) को दोबारा मौका दिया गया है, जबकि अन्य दो नाम एस.आर. शिवलिंगम और लेखिका-कार्यकर्ता ए. रोकैया मलिक, जिन्हें ‘कवि सलमा’ के नाम से जाना जाता है, शामिल हैं। डीएमके ने साफ किया कि एमएनएम के लिए एक सीट पहले से तय थी, और उसी सहमति के तहत कमल हासन को राज्यसभा भेजा जा रहा है।
इस निर्णय से यह स्पष्ट है कि स्टालिन केवल राज्यसभा की सीटें नहीं भर रहे, बल्कि 2026 के चुनावी परिदृश्य की नींव भी रख रहे हैं—जहां डीएमके अपने सहयोगियों को मजबूत कर एक व्यापक गठबंधन के रूप में उभरना चाहती है।
संसद भवन में गूंजेगी कमल हासन की आवाज
शुक्रवार को कमल हासन ने मुख्यमंत्री स्टालिन से मुलाकात कर राज्यसभा के लिए नामांकित किए जाने पर आभार व्यक्त किया। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा,
“तमिलनाडु के लिए मेरी आवाज हमेशा सुनी गई है। अब पहली बार, संसद भवन में मेरी आवाज गूंजेगी।”
यह बयान केवल एक कलाकार की राजनीतिक यात्रा नहीं दर्शाता, बल्कि यह संकेत देता है कि तमिलनाडु की क्षेत्रीय राजनीति अब वैचारिक विविधता और गठबंधन के नए प्रयोगों को स्वीकार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
कन्नड़ विवाद पर जवाब: “सच बोलूंगा, झुकूंगा नहीं”
कमल हासन से जब कन्नड़ भाषा को लेकर उनके एक पुराने बयान पर सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट कहा:
“मैं कर्नाटक से प्यार करता हूं, यह सच है। मैं आंध्र प्रदेश और केरल से भी प्यार करता हूं। अगर मैंने कन्नड़ को लेकर कुछ गलत कहा है, तो माफी मांगूंगा। नहीं कहा है तो माफी नहीं मांगूंगा।”

यह जवाब न केवल उनके स्पष्टवादी व्यक्तित्व को दर्शाता है, बल्कि उनके राजनीतिक आत्मविश्वास और क्षेत्रीय संतुलन की समझ को भी उजागर करता है।
19 जून को होगी छह सीटों पर वोटिंग
तमिलनाडु में राज्यसभा की छह सीटें खाली हो रही हैं, जिनके लिए 19 जून 2025 को चुनाव होंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 9 जून तय की गई है। डीएमके के पास राज्य विधानसभा में बहुमत है, इसलिए जिन तीन नामों की घोषणा की गई है, उनके निर्विरोध चुने जाने की संभावना है।
निष्कर्ष: स्टारडम से संसद तक का सफर
कमल हासन की राज्यसभा में एंट्री सिर्फ एक अभिनेता का सियासी सफर नहीं है, यह तमिल राजनीति में एक नई किस्म की वैचारिक साझेदारी और गठबंधन नीति की शुरुआत है। डीएमके का यह कदम बताता है कि वह क्षेत्रीय सहयोगियों को साथ लेकर चलने की रणनीति पर गंभीरता से काम कर रही है। 2026 के विधानसभा चुनावों की बिसात बिछ चुकी है—और उसमें कमल हासन अब एक प्रमुख मोहरा होंगे।