
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में विकास की एक नई गाथा लिखी जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा फेस-2 के रूप में एक आधुनिक शहर बसाने की मंजूरी दे दी है। यह परियोजना न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।
बड़े पैमाने पर होगा भूमि अधिग्रहण
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 144 गांवों की 55,970 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इस क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रेजिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल हब विकसित किए जाएंगे, जिससे यह शहर भविष्य के मेट्रोपॉलिटन का रूप लेगा।
क्या खास होगा इस नए शहर में?
इस शहर का मास्टर प्लान बेहद व्यापक और सुव्यवस्थित है:
✔ 17% जमीन रिहायशी क्षेत्र के लिए आरक्षित
✔ 4.8% जमीन वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए निर्धारित
✔ हरे-भरे खुले क्षेत्र और बेहतर परिवहन सुविधाएं
✔ अत्याधुनिक शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थान
✔ स्मार्ट ट्रांसपोर्ट नेटवर्क और हाई-टेक कनेक्टिविटी
निवेश और रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
इस मेगा प्रोजेक्ट के शुरू होते ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। साथ ही, इसकी बेहतर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के चलते निवेशकों के लिए यह एक प्रमुख आकर्षण बनेगा।
भविष्य का आधुनिक शहर
ग्रेटर नोएडा फेस-2 को एक स्मार्ट, पर्यावरण-अनुकूल और आत्मनिर्भर शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां के आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र, औद्योगिक जोन, शॉपिंग सेंटर और हरित क्षेत्र इसे दिल्ली-एनसीआर का नया विकास केंद्र बना देंगे।