
ग्रेटर नोएडा।
यमुना प्राधिकरण की आवासीय प्लॉट योजना 2024 गंभीर आरोपों के घेरे में आ गई है। पूर्वी दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के पूर्व महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने इस योजना में 200 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है और प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तथा प्राधिकरण चेयरमैन से भी कार्रवाई की अपील की है।
आवेदन की समय सीमा बढ़ाने पर विवाद
प्राधिकरण ने 5 जुलाई को 361 आवासीय प्लॉटों की योजना लॉन्च की थी, जिसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 5 अगस्त तय की गई थी और ड्रॉ 20 सितंबर को होना था। लेकिन बाद में आवेदन की समय सीमा बढ़ाकर 23 अगस्त कर दी गई और ड्रॉ की नई तारीख 10 अक्टूबर निर्धारित की गई।
ICICI बैंक को लाभ पहुंचाने का आरोप
पूर्व महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि प्राधिकरण ने सिर्फ ICICI बैंक को योजना के लिए अधिकृत किया, और बैंक को लाभ पहुंचाने के लिए आवेदन की समय सीमा बढ़ाई। बैंक ने 120 वर्गमीटर के प्लॉट के लिए आवेदकों से पंजीकरण राशि के रूप में 3 लाख रुपये लिए, और लोन के लिए 11,000 रुपये अतिरिक्त वसूल किए। समय सीमा बढ़ाने से बैंक को आवेदकों से ब्याज के रूप में अधिक धनराशि मिलने का लाभ हुआ है।
‘200 करोड़ का फायदा ICICI बैंक को’
अग्रवाल का कहना है कि योजना में अन्य प्लॉटों को शामिल कर बैंक को सीधे तौर पर 200 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया गया। जब 361 प्लॉटों के लिए एक लाख से अधिक आवेदन पहले ही मिल चुके थे, तो आवेदन और ड्रॉ की समय सीमा बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं था। इसके कारण आवेदकों की पंजीकरण राशि पर 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसके लिए प्राधिकरण जिम्मेदार है। उन्होंने मांग की है कि असफल आवेदकों की पंजीकरण राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस होनी चाहिए।