नई दिल्ली, – राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा स्थापित विश्व ब्राह्मण कल्याण परिषद ट्रस्ट ने आज आध्यात्मिक, सामाजिक और राष्ट्रीय पुनर्जागरण के अपने ‘पवित्र यज्ञ’ का औपचारिक शुभारंभ किया। मिश्र ने अपने प्रेरणादायी संदेश में कहा कि यह ट्रस्ट केवल एक संगठन नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और सद्भाव की भावना से प्रेरित एक सामाजिक आंदोलन है, जिसका उद्देश्य समाज के भीतर सकारात्मक और स्थायी परिवर्तन लाना है। परिषद का प्रमुख संकल्प है कि ब्राह्मण समाज अपने ज्ञान, परंपरा और सेवा भावना के माध्यम से समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता, सद्भाव और जागरूकता स्थापित करे, ताकि भारत पुनः अपने प्राचीन गौरव को प्राप्त कर ‘विश्व-आदर्श’ बन सके।
राष्ट्रहित और मानवता की सेवा सर्वोच्च धर्म
श्री कलराज मिश्र ने ब्राह्मण समाज से आह्वान किया कि वह जातीय संकीर्णता से ऊपर उठकर, राष्ट्रहित, संस्कृति संरक्षण और मानवता की सेवा को अपना सर्वोच्च धर्म माने। उन्होंने कहा कि यह अभियान ज्ञान परंपरा, सेवा संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना के पुनर्जागरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जिसमें समाज के प्रत्येक वर्ग का सहयोग अपेक्षित है।
परिषद की प्रमुख कार्ययोजनाएँ
संस्थापक अध्यक्ष श्री कलराज मिश्र द्वारा बताए गए प्रमुख कार्यक्षेत्र निम्नलिखित हैं —
1.आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक उत्थान
वेद, उपनिषद और भारतीय परंपराओं के संरक्षण, अध्ययन और प्रचार-प्रसार के लिए वेदपाठी ब्राह्मणों एवं संस्कृत पाठशालाओं को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा। उद्देश्य है – शुद्ध, आस्थापूर्ण एवं ज्ञानसम्पन्न ब्राह्मण परंपरा को सशक्त बनाना।
2.शिक्षा, कौशल विकास एवं आर्थिक आत्मनिर्भरता
सनातन ज्ञान परंपरा को आधुनिक विज्ञान और तकनीकी शिक्षा से जोड़ते हुए युवाओं के लिए गुरुकुल, कौशल विकास केंद्र और डिजिटल शिक्षा प्लेटफॉर्म की स्थापना की जाएगी।
3.‘जॉब्स पोर्टल’ की स्थापना
युवाओं को रोजगार एवं प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने हेतु एक विशेष ‘जॉब्स पोर्टल’ बनाया जाएगा, जो बेरोज़गार युवाओं और उद्यमियों के बीच सीधा संपर्क स्थापित करेगा।
4.मानवीय सेवा और सामाजिक सुरक्षा
असमर्थ ब्राह्मण परिवारों की बेटियों के विवाह हेतु आर्थिक सहायता और समुदाय के जरूरतमंद सदस्यों को त्वरित कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी।

5.‘विप्र कल्याण बोर्ड’ की स्थापना की मांग
परिषद ने सभी राज्य सरकारों से राजस्थान की तर्ज पर ‘विप्र कल्याण बोर्ड’ के गठन की मांग की है, ताकि ब्राह्मण समाज के हित में योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके।
6.गौ-सेवा : आस्था और उद्यमिता का संगम
गौ-सेवा को अनिवार्य धार्मिक एवं नैतिक कर्तव्य के रूप में प्रतिष्ठित करते हुए इसे आधुनिक रोजगार और उद्यमिता से जोड़ने की दिशा में ठोस पहल की जाएगी।
संगठन विस्तार और नई नियुक्तियाँ
संगठन के कार्यों को गति और दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण पदाधिकारियों की नियुक्तियाँ की गई हैं (सूची शीघ्र जारी होगी)। नव-नियुक्त पदाधिकारियों को प्रत्येक जिले में मार्च 2026 तक कम-से-कम 1000 सक्रिय सदस्य जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत और समर्पित नेटवर्क तैयार किया जा सके।
संतजनों का आशीर्वाद और प्रेरणा
इस अवसर पर प्रतिष्ठित संत एवं आध्यात्मिक गुरु पूज्यपाद स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज ने सभी नव-नियुक्त पदाधिकारियों को समाजहित और राष्ट्रसेवा के प्रति निःस्वार्थ भाव से कार्य करने की शपथ दिलाई। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे इस अभियान को आध्यात्मिक पुनर्जागरण और सामाजिक समरसता के महायज्ञ में अपने कर्म, वचन और विचार से योगदान दें।
विश्व ब्राह्मण कल्याण परिषद ट्रस्ट का यह अभिनव प्रयास न केवल ब्राह्मण समाज के उत्थान के लिए, बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र में सद्भाव, सेवा और संस्कार आधारित नवजागरण की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध हो सकता है।














