बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है। चुनाव प्रचार अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है, और सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने-अपने वादे कर रहे हैं। इस बीच शराबबंदी का मुद्दा एक बार फिर सियासी चर्चा का केंद्र बन गया है।
महागठबंधन ने संकेत दिया है कि सत्ता में आने पर वह शराबबंदी कानून की समीक्षा करेगा और इसे खत्म करने पर विचार करेगा। वहीं, सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन शराबबंदी के पक्ष में मजबूती से खड़ा है। इसी बीच, मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी के बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
“फोन करने पर घर तक पहुंच जाती है शराब” — धर्मेंद्र लोधी
मध्य प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने फेसबुक लाइव के दौरान बिहार की शराबबंदी नीति पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा,
“बिहार में शराबबंदी लागू तो है, लेकिन हकीकत यह है कि फोन करने पर घर तक शराब पहुंच जाती है। वहां शराब माफिया आज भी सक्रिय हैं और हालात सरकार के नियंत्रण से बाहर हैं।”
लोधी ने यह भी कहा कि केवल कानून बनाकर शराबबंदी लागू करने से समाज में बदलाव नहीं आता।
“जब तक व्यक्ति स्वयं शराब पीना छोड़ने का संकल्प नहीं लेता, तब तक समाज से यह बुराई खत्म नहीं की जा सकती। इसके लिए सामाजिक जागरूकता और आत्मसंयम की जरूरत है,” उन्होंने कहा।
आरोपों पर सफाई देते हुए उठाया बिहार का उदाहरण
दरअसल, धर्मेंद्र लोधी हाल ही में अपने विधानसभा क्षेत्र में शराब माफिया से सांठगांठ के आरोपों को लेकर घिरे हुए थे। इसी पर सफाई देने के लिए उन्होंने रविवार सुबह फेसबुक पर लाइव किया। इसी दौरान उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए वहां की शराबबंदी नीति पर सवाल उठा दिए।
उन्होंने कहा,“जो बिना किसी तथ्य के छवि बिगाड़ेगा, पुलिस उसे उठाएगी भी और पीटेगी भी। गलत करने वालों पर कार्रवाई तय है।”
लोधी का यह बयान न केवल मध्य प्रदेश में बल्कि बिहार की राजनीति में भी सुर्खियों में आ गया है, क्योंकि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से नीतीश कुमार की सरकार की शराबबंदी नीति को कठघरे में खड़ा कर दिया है।














