नई दिल्ली: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संपत्तियों के ‘उम्मीद’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की समयसीमा बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी। गौरतलब है कि यह सुनवाई मुख्य मामले की नहीं, बल्कि ओवैसी की याचिका पर केंद्रित होगी।
केंद्र सरकार ने जून 2024 के नोटिफिकेशन में यह अनिवार्य किया था कि सभी वक्फ संपत्तियों का छह महीने के भीतर पंजीकरण ‘उम्मीद’ पोर्टल पर कराना जरूरी होगा। इसी को चुनौती देते हुए ओवैसी ने समयसीमा बढ़ाने की मांग की है।
ओवैसी के वकील बोले – “चार महीने तो इंतजार में बीत गए”
पिछली सुनवाई में ओवैसी की ओर से पेश वकील ने दलील दी थी कि छह में से चार महीने कोर्ट के फैसले का इंतजार करते हुए निकल गए, क्योंकि आदेश आने में करीब पाँच महीने लग गए। ऐसे में आवेदन दाखिल करने के लिए बहुत कम समय बचा है। इस पर CJI बी.आर. गवई ने कहा था, “ठीक है, हम इस पर सुनवाई के लिए इसे सूचीबद्ध करेंगे।”
AIMPLB ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर किया है। बोर्ड की अक्टूबर बैठक में ‘उम्मीद पोर्टल’ पर रजिस्ट्रेशन से जुड़ी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
बोर्ड ने बताया कि विभिन्न राज्यों और वक्फ मुतवल्लियों से शिकायतें मिली हैं कि पोर्टल में कई तकनीकी खामियाँ हैं, जिससे पंजीकरण प्रक्रिया बेहद धीमी और जटिल हो गई है।
“दस्तावेज अपलोड करने में लगते हैं 40-45 मिनट”
बोर्ड के अनुसार, कई उपयोगकर्ताओं ने बताया कि ‘उम्मीद पोर्टल’ बार-बार क्रैश होता है और एक दस्तावेज अपलोड करने में 40 से 45 मिनट तक लग जाते हैं। इस कारण कई मुतवल्ली समय पर पंजीकरण पूरा नहीं कर पा रहे।
AIMPLB ने सुप्रीम कोर्ट से समयसीमा बढ़ाने और पोर्टल की तकनीकी व्यवस्था को सरल एवं उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की मांग की है।
अब 28 अक्टूबर को होगी अहम सुनवाई
इस मामले पर अब 28 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। अदालत यह तय करेगी कि क्या वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की मौजूदा समयसीमा बढ़ाई जानी चाहिए या नहीं।














