कनाडा सरकार ने भारत के कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आधिकारिक तौर पर आतंकवादी समूह करार दिया है। सरकार ने कहा कि यह गिरोह भारत में सक्रिय है और इसका सरगना लॉरेंस बिश्नोई जेल में रहते हुए भी मोबाइल फोन के जरिए अपराधों को अंजाम देता है।
कनाडा की कार्रवाई
अब तक कनाडा में कुल 88 आतंकी संगठनों की सूची है, जिसमें अब बिश्नोई गैंग का नाम भी जुड़ गया है। इसके बाद कनाडाई एजेंसियां इस गिरोह की संपत्ति जब्त कर सकती हैं, बैंक खाते सीज़ कर सकती हैं और उस पर सख्त कार्रवाई कर सकती हैं। हालांकि सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस नेटवर्क पर पूरी तरह शिकंजा कसना आसान नहीं होगा, क्योंकि कनाडा के पास इनके बारे में सीमित जानकारी है।
कनाडा के मंत्री गैरी आनंदसंगरी ने बयान जारी कर कहा, “कनाडा में आतंक और हिंसा की कोई जगह नहीं है। हर नागरिक को अपने घर और समाज में सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है। यह फैसला हमें बिश्नोई गिरोह को रोकने में मदद करेगा।”
भारत से जुड़ा विवाद
पिछले साल कनाडाई पुलिस ने दावा किया था कि भारत इस गिरोह का इस्तेमाल कनाडा में खालिस्तान समर्थकों को डराने और खत्म करने के लिए कर रहा है। हालांकि भारत ने इस आरोप को खारिज कर कहा कि वह कनाडा के साथ मिलकर इस गिरोह की फंडिंग रोकने की कोशिश कर रहा है।
खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भी लॉरेंस बिश्नोई और उसके साथियों का नाम सामने आया था। इस घटना के बाद भारत-कनाडा संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था। हालांकि हाल ही में प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के कार्यभार संभालने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार देखने को मिला है।
भारत में गैंग का नेटवर्क
सिर्फ भारत में ही बिश्नोई गैंग के करीब 700 सदस्य सक्रिय बताए जाते हैं, जो डकैती, जबरन वसूली, मनी लॉन्ड्रिंग और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल हैं।
लॉरेंस बिश्नोई कौन है?
लॉरेंस बिश्नोई का असली नाम बलकरन बराड़ है। 12 फरवरी 1993 को पंजाब के फाजिल्का जिले के छोटे से गांव दुत्रावली में जन्मे बलकरन ने यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के बाद अपराध की दुनिया में कदम रखा। अपराध जगत में वह लॉरेंस बिश्नोई के नाम से कुख्यात हुआ।
उसका नाम कई बड़े मामलों से जुड़ा है, जिनमें पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या, महाराष्ट्र के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश, सुखदेव सिंह गुग्गामेरी की हत्या और बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी शामिल है। फिलहाल वह गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, लेकिन वहीं से अपने गिरोह को संचालित करता है।
आगे की राह
विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडा की इस सख्त कार्रवाई से गैंग की आर्थिक कमर जरूर टूट सकती है। हालांकि, गिरोह की जड़ें भारत और विदेशों में इतनी गहरी हैं कि इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच और ज्यादा सहयोग की ज़रूरत होगी।