नई दिल्ली — केंद्र में बीजेपी सांसदों की एक वर्कशॉप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को संसदीय बहसों में प्रभावी भागीदारी के लिए खुद रिसर्च-तैयारी करने और सरकार की योजनाओं में सक्रिय भूमिका निभाने की सलाह दी। वर्कशॉप आज सुबह 10:45 बजे शुरू होकर शाम 6:30 बजे तक चली; प्रधानमंत्री ने सत्र के पूरे समय भाग लिया और अंत पंक्ति में बैठकर सभी सत्रों को मॉडरेट होते देखा।
समूह चर्चा और संरचना
कार्यक्रम के दौरान सांसदों को पाँच समूहों में विभाजित किया गया, प्रत्येक समूह को कुछ तय विषय दिए गए और सांसदों से खुलकर चर्चा तथा ‘आउट-ऑफ़-द-बॉक्स’ सुझाव मांगे गए। समूहों का संचालन और विषय इस प्रकार रहे:
कृषि, जल, सामाजिक न्याय और स्वास्थ्य — संजय जायसवाल
रक्षा, परराष्ट्र, वित्त, आईटी और गृह — बैजयंत पांडा (उपर्युक्त समूह में कई शीर्ष केंद्रीय मंत्री उपस्थित रहे)
बिजली, पेट्रोलियम, कोयला और उद्योग — शशांक मणि
शिक्षा और कानून — पी.पी. चौधरी
रेलवे, श्रम, शहरी मामले और परिवहन — भर्तृहरि महताब
प्रधानमंत्री ने समूहों के साथ अनौपचारिक बातचीत भी की और सांसदों से उनके क्षेत्रों की समस्याओं व सम्भावित समाधानों पर विस्तृत विचार मांगे। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि हाल ही में गेमिंग में सट्टेबाज़ी पर जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, उसके तर्क को शहरी इलाकों तक प्रभावी ढंग से फैलाना ज़रूरी है।
प्रधानमंत्री के मुख्य निर्देश और सुझाव
प्रधानमंत्री ने सांसदों को कई व्यावहारिक निर्देश दिए जिनका उद्देश्य सांसद-नागरीय संपर्क और सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाना था। प्रमुख बिंदु:
अपनी संसदीय क्षेत्र की प्रत्येक विधानसभा में प्रति माह एक टिफ़िन बैठक आयोजित करें — सीधे जनता से जुड़ने और मुद्दों को समझने का व्यावहारिक माध्यम।
संसदीय समिति की बैठक से पहले और बाद में संबंधित मंत्री व अधिकारियों से मुलाकात करें ताकि विषय पर स्पष्टता और गहराई आए।
अधिकारियों के समक्ष पेश आने का तरीका सुधारें — तर्कसंगत, तथ्यपरक और व्यवस्थित प्रस्तुति दें।
स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सिंगापुर के उदाहरण जैसे मॉडल अपनाने पर विचार करें; इनोवेशन को प्रोत्साहित करें।
किसान सम्मान योजना और अन्य किसान-वेलफेयर योजनाओं का लाभ वास्तविक रूप में आपके क्षेत्र तक पहुंच रहा है या नहीं — इसकी निगरानी करें।
सुनिश्चित करें कि सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार सही ढंग से हो और लाभार्थी सभी तक पहुँचें।
ग्रामीण और शहरी समस्याओं में फर्क को समझें — दोनों प्रकार की चुनौतियों के अनुरूप नीतिगत समाधान सुझाएँ।
हमेशा जनता के संपर्क में रहें और योजनाओं के लाभार्थियों का डेटाबेस रखें।
आगामी सत्र
वर्कशॉप का अगला सत्र 8 सितंबर को तय किया गया है — सोमवार दोपहर 3:00 से 6:00 बजे तक एनडीए सांसद इसमें भाग लेंगे और प्रधानमंत्री संबोधन करेंगे।
विशेष टिप्पणी
प्रधानमंत्री का फोकस न केवल संसदीय प्रस्तुति की मजबूती पर रहा, बल्कि सांसदों को जनता के और नज़दीक लाने तथा सरकारी कार्यक्रमों की जमीन पर संप्रेषण (implementation & outreach) बेहतर करने पर भी था। ‘टिफिन मीटिंग’ जैसे छोटे-मध्यम कदम स्थानीय समस्याओं की पहचान और तत्काल प्रतिक्रिया के लिए उपयोगी माने जा रहे हैं।