गाजीपुर। जिले में “लावारिसों के वारिस” के नाम से पहचान रखने वाले समाजसेवी कुंवर वीरेंद्र सिंह ने गाजीपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आनन्द मिश्रा और उनके सहयोगियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी जान को खतरा बताया है। उन्होंने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। कुंवर वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर उन्हें समय रहते सुरक्षा नहीं दी गई और कोई अप्रिय घटना घटती है, तो इसकी पूरी ज़िम्मेदारी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य आनन्द मिश्रा और उनके सहयोगियों की होगी।
समाजसेवी ने बताया कि हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और उन्हें मिल रही धमकियों से वह और उनका परिवार डरे हुए हैं। उन्होंने प्रशासन से तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने और सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है। सिंह ने कहा कि यदि शासन-प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो इसका खामियाज़ा उन्हें भुगतना पड़ सकता है।
कुंवर वीरेंद्र सिंह पिछले कई वर्षों से समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे उन लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं, जिन्हें अपनाने वाला कोई नहीं होता। उनके इस मानवीय कार्य ने उन्हें समाज में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है। लोग उन्हें “लावारिसों का वारिस” कहकर संबोधित करते हैं। अब तक वे हज़ारों शवों को अंतिम विदाई दे चुके हैं।
उनके कार्यों को प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं उन्हें सम्मानित किया है, वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी उनके सामाजिक योगदान को सराहा और उन्हें सम्मान प्रदान किया।
इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आनन्द मिश्रा से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। समाजसेवी की सुरक्षा की मांग को लेकर अब जिला प्रशासन की भूमिका पर सबकी निगाहें टिकी हैं।





 
                                    










