तिआनजिन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो-दिवसीय चीन दौरे पर तिआनजिन पहुंचे, जहाँ वे शिखर सम्मेलन (SCO) में हिस्सा ले रहे हैं। प्रधानमंत्री की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई द्विपक्षीय बातचीत करीब एक घंटे चली और इसमें सीमा पर शांति-स्थिरता, द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने तथा क्षेत्रीय सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
बैठक की मुख्य बातें
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले साल कज़ान (Kazan) में हुई उनकी बातचीत ने दोनों देशों के संबंधों को सकारात्मक दिशा दी है। उन्होंने कहा कि सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद शांति और स्थिरता का माहौल बना हुआ है और यह दोनों देशों के बीच भरोसा बढ़ाने में सहायक है। मोदी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने का ज़िक्र करते हुए कहा कि इससे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जुड़ाव को मजबूती मिली है। उन्होंने SCO की सफलता पर बधाई दी और दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा।
शी जिनपिंग ने क्या कहा
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा, “प्रधानमंत्री मोदी, आपसे मिलकर खुशी हुई। मैं SCO शिखर सम्मेलन के लिए आपका स्वागत करता हूँ।” शी ने पिछले वर्ष कज़ान में हुई सफल चर्चा का भी उल्लेख किया और दोनों देशों के सहयोग पर सकारात्मक संकेत दिए। उन्होंने संवाद को आगे बढ़ाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि “ड्रैगन और हाथी का साथ” क्षेत्रीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है।
संदर्भ और पृष्ठभूमि
यह मोदी-शी की सात साल बाद की मुलाकात है। जून 2020 में गलवान घाटी की झड़पों के बाद भारत-चीन संबंधों में तनाव आया था; हालिया दौर की ملاقاتों का उद्देश्य इसी तनाव को कम कर भरोसा वापस लाना बताया जा रहा है। इस यात्रा और वार्ता पर वैश्विक नजरें टिकी हैं, खासकर उस पृष्ठभूमि में जब अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति और टैरिफ-मुद्दे भी महत्त्व रख रहे हैं।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi holds a bilateral meeting with Chinese President Xi Jinping in Tianjin, China.
(Source: ANI/DD News) pic.twitter.com/BNRfDkDtCW
— ANI (@ANI) August 31, 2025
बैठक में उपस्थित प्रमुख सदस्य
प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश सचिव विक्रम मिस्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। दोनों पक्षों के प्रतिनिधि तकनीकी और रणनीतिक विषयों पर आगे भी वार्ता जारी रखने पर सहमत बताते हैं।
क्या हो सकता है आगे
दोनों देशों ने द्विपक्षीय बातचीत को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने और सीमा-सम्बन्धी मसलों के शांतिपूर्ण समाधान पर काम करने का इरादा बताया है। साथ ही आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को सामान्य करने के कदम—जैसे सीधी उड़ानों की बहाली—पर भी चर्चा हुई है। SCO के मंच पर क्षेत्रीय सहयोग, व्यापार नीतियाँ और सामरिक भरोसा-निर्माण उपायों पर भी बहु-देशीय विचार विमर्श होने की संभावना है।
समापन
तियानजिन में हुई यह औपचारिक बैठक दोनों प्रमुख पड़ोसियों के बीच रिश्तों को पुनर्स्थापित करने की एक स्पष्ट कोशिश दिखाती है। वैश्विक परिदृश्य में, विशेषकर व्यापार और सुरक्षा-प्रवृत्तियों के बीच, इस दौरे के परिणामों पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान बना रहेगा।