अहमदाबाद। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन से 2003 में शुरू हुई वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट ने राज्य को ग्लोबल इंडस्ट्रियल मैप पर अग्रणी स्थान दिलाया है। उन्होंने कहा कि गुजरात ने विश्वभर के उद्योगों और निवेशकों के लिए “गेटवे टू द फ्यूचर” की पहचान बनाई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब प्रधानमंत्री मोदी के विज़न को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत कर रही है। इसका उद्देश्य गुजरात की वोकल फॉर लोकल छवि को और मज़बूत करना तथा विकास का लाभ राज्य के हर कोने तक पहुँचाना है।
पहली रीजनल कॉन्फ्रेंस मेहसाणा में
इस श्रृंखला की पहली रीजनल कॉन्फ्रेंस 9–10 अक्टूबर, 2025 को मेहसाणा में आयोजित होगी। इसके बाद सौराष्ट्र (राजकोट, 8–9 जनवरी 2026), दक्षिण गुजरात (सूरत, 9–10 अप्रैल 2026) और मध्य गुजरात (वडोदरा, 10–11 जून 2026) में भी सम्मेलन होंगे।
मोदीजी के मार्गदर्शन में वाइब्रेंट समिट के माध्यम से गुजरात देश का ग्रोथ इंजन बना है।
इस सफलता से प्रेरित होकर हम इस वर्ष वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत करने जा रहे है। pic.twitter.com/uGOnTGVBju
— Bhupendra Patel (@Bhupendrapbjp) August 28, 2025
वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट पर ज़ोर
सीएम पटेल ने कहा कि गुजरात के हर जिले की अपनी विशिष्ट पहचान और औद्योगिक क्षमता है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) के तहत कुछ जिलों का औद्योगिक उत्पादन कई राज्यों से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि गुजरात कृषि, मत्स्य, फूड प्रोसेसिंग, केमिकल-पेट्रोकेमिकल, जेम्स-ज्वेलरी, इंजीनियरिंग, फार्मा और टेक्सटाइल में हमेशा आगे रहा है, अब समय है कि राज्य सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, एयरोस्पेस, डिफेंस और ग्रीन एनर्जी जैसे फ्यूचर सेक्टर्स में भी लीडर बने।
टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप पर बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का संकल्प है कि भारत ऐसा राष्ट्र बने जहां टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, स्टार्टअप, रिसर्च और प्रोडक्शन में स्वदेशी को प्राथमिकता मिले। वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस इस विज़न को आगे बढ़ाने का प्रभावी मंच बनेगी।
उद्योग मंत्री और आयुक्त का बयान
उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने बताया कि पिछली वाइब्रेंट समिट में 45 हजार करोड़ का निवेश आया और 2600 से अधिक एमओयू साइन हुए। 2003 में डेढ़ लाख से शुरू हुए छोटे उद्योगकारों की संख्या आज 21 लाख से अधिक हो चुकी है। अब तक गुजरात में 5.50 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है।
उद्योग आयुक्त पी. स्वरूप ने कहा कि इन सम्मेलनों का मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्तर पर विकास की गति तेज करना, रोजगार के अवसर सृजित करना और हर जिले की विशिष्ट पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना है।
विकसित भारत@2047 के विज़न से जुड़ा प्रयास
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत@2047 विज़न के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल और लोकल फॉर ग्लोबल के मंत्र को साकार करेगी।