Saturday, September 13, 2025
Your Dream Technologies
HomeUttarakhandउत्तराखंड विधानसभा ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 पारित किया: धार्मिक विविधता का...

उत्तराखंड विधानसभा ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 पारित किया: धार्मिक विविधता का नया अध्याय शुरू

उत्तराखंड विधानसभा में बुधवार को उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थान विधेयक, 2025 पारित किया गया। इस विधेयक के पास हो जाने के बाद अब उत्तराखंड मदरसा बोर्ड का स्थान नई स्थापित उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण लेगा। इस कानून के लागू होने से सिख, जैन, ईसाई, पारसी और बौद्ध समुदायों के अल्पसंख्यकों को भी लाभ मिलेगा, जो पहले से विशेष शिक्षा सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

यह कदम हरियाणा रावत के नेतृत्ववाली कांग्रेस सरकार द्वारा 2016 में पारित उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उस समय का कानून मुस्लिम धार्मिक स्कूलों, खासकर अरबी-फारसी मदरसों की निगरानी के लिए था। अब इस विधेयक के पारित होने के साथ ही उस अधिनियम का अंत कर दिया जाएगा।

आवेदन प्रक्रिया और प्रावधान
विधेयक के अनुसार, 1 जुलाई 2026 तक प्रदेश के सभी मदरसों को उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होना अनिवार्य होगा। इसके बाद, यदि वे अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण में आवेदन देना होगा। निर्धारित योग्यता एवं शर्तें पूरी करने पर ही मदरसों को अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान का दर्जा प्रदान किया जाएगा।

विपक्ष की प्रतिक्रिया
विधानसभा में इस विधेयक के पास होने पर विपक्ष ने अपनी आलोचनाएं जमकर कीं। सरकार पर ध्यानाकर्षण करते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा को मदरसों से जुड़ी उर्दू शब्दावली से परहेज क्यों है? उन्होंने कहा कि मदरसों का अपना इतिहास है, जो स्वतंत्रता संग्राम से भी जुड़ा है। रावत ने सवाल किया कि क्यों इस समुदाय के धार्मिक शिक्षण संस्थानों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

सकारात्मक रुख
वहीं, भाजपा नेताओं ने इस कदम की सराहना की। मंत्री महेंद्र भट्ट ने कहा कि यह बिल देवभूमि को सुरक्षित और विकसित बनाने का एक आवश्यक कदम है। उन्होंने बताया कि प्रावधानों के अनुसार, अल्पसंख्यक शैक्षणिक प्राधिकरण के अध्यक्ष एक अनुभवी और संबंधित समुदाय से जुड़े शिक्षाविद् होंगे, जो संस्थानों के पाठ्यक्रम निर्धारण में मार्गदर्शन करेंगे।

मदरसे और कार्रवाई
उत्तराखंड में वर्तमान में 452 रजिस्टर्ड मदरसे हैं, जबकि कई मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के भी संचालित हो रहे हैं। विशेषकर उन इलाकों में जहां मुस्लिम आबादी अधिक है, वहां अवैध मदरसों का संचालन देखा गया है। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश सरकार अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त अभियान चला रही है, जिसमें कई मदरसों को नोटिस जारी और जांच के दायरे में लाया गया है।

- Advertisement -
Your Dream Technologies
VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button