बारामती, महाराष्ट्र। मालेगांव सहकारी चीनी मिल के चुनाव में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नीलकंठेश्वर पैनल ने शानदार जीत दर्ज करते हुए अपने चाचा शरद पवार के बलिराजा पैनल को करारी शिकस्त दी है। इस चुनाव में अजित पवार के 21 में से 12 उम्मीदवार विजयी रहे, जबकि शरद पवार गुट के सभी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है।
यह चुनाव केवल एक सहकारी मिल का चुनाव भर नहीं था, बल्कि महाराष्ट्र की सियासत में चाचा-भतीजे की साख की परीक्षा भी था। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने चुनाव प्रचार के दौरान मिल को 500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने का वादा किया था, जिसका सीधा असर मतदाताओं पर पड़ा और नीलकंठेश्वर पैनल को भारी समर्थन मिला।
शरद पवार के गुट को बड़ा झटका
शरद पवार गुट के बलिराजा पैनल का नेतृत्व युगेंद्र पवार कर रहे थे, लेकिन इस पैनल के सभी उम्मीदवार हार गए। अपने गृहनगर बारामती में शरद पवार के लिए इस हार को बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है।
अजित पवार गुट की शानदार बढ़त
नीलकंठेश्वर पैनल के अब तक 12 प्रत्याशी जीत चुके हैं, जबकि अन्य 7 उम्मीदवार मतगणना में आगे चल रहे हैं। चुनाव में अजित पवार गुट को मिलती इस सफलता ने यह साफ कर दिया है कि बारामती में उनका प्रभाव लगातार मजबूत हो रहा है।
चार पैनलों में हुआ मुकाबला
मालेगांव सहकारी मिल चुनाव में कुल चार पैनल मैदान में थे — अजित पवार के नीलकंठेश्वर पैनल, शरद पवार के बलिराजा सहकार बचाओ पैनल, भाजपा नेताओं चंद्रराव टावरे-रंजन टावरे के सहकार बचाओ शेतकरी पैनल, कष्टकरी शेतकरी समिति, और निर्दलीय गुट।
अंतिम नतीजों पर सभी की नजरें टिकी हैं, लेकिन शुरुआती रुझानों ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि इस बार उपमुख्यमंत्री अजित पवार के गुट ने बाजी मार ली है, जिससे बारामती में चाचा-भतीजे की सियासी जंग में एक बार फिर अजित पवार को जीत हासिल हुई है।