
नई दिल्ली: भारत और तुर्किए के बीच हालिया तनाव और पाकिस्तान को ड्रोन समर्थन देने को लेकर देशभर में विरोध की भावना के बावजूद, नीति आयोग ने तुर्किए के KOSGEB कार्यक्रम की सराहना की है। आयोग ने इसे छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) के लिए एक प्रभावशाली कौशल विकास मॉडल करार देते हुए भारत में इसके समकक्ष प्रणाली को अपनाने की सिफारिश की है।
नीति आयोग की रिपोर्ट ‘Framing Policies for Medium Enterprises’ में कहा गया है कि भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मझोले उद्यमों की क्षमता बढ़ाने के लिए तुर्किए, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे देशों की सर्वोत्तम नीतियों से सीख लेनी चाहिए। तुर्किए का KOSGEB (Small and Medium Enterprises Development Organization) मॉडल खासतौर से डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय बताया गया है।
क्या है तुर्किए का KOSGEB प्रोग्राम?
रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि तुर्किए का KOSGEB कार्यक्रम ‘ई-अकादमी’ के ज़रिए ऑनलाइन और दूरस्थ प्रशिक्षण उपलब्ध कराता है। यह प्रोग्राम उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विकसित किया गया है, जिसमें समय और स्थान की बाधाओं को हटाकर लचीला, सुलभ और प्रभावी प्रशिक्षण मुहैया कराया जाता है। खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में महिलाओं, युवाओं और विकलांग उद्यमियों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है।
ई-अकादमी के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम सब्सिडी दरों पर उपलब्ध हैं और वंचित वर्गों को यह निःशुल्क भी प्रदान किए जाते हैं। नीति आयोग का मानना है कि भारत भी इसी तरह के मॉडल को अपनाकर एसएमई सेक्टर की पहुंच बढ़ा सकता है, विशेषकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में।
मुख्य बिंदु:
- नीति आयोग ने तुर्किए के KOSGEB मॉडल की सराहना की
- SME के लिए स्किल डेवलपमेंट और डिजिटल प्रशिक्षण का उल्लेखनीय उदाहरण
- महिलाओं, युवाओं और दिव्यांग उद्यमियों को प्राथमिकता
- पाकिस्तान के साथ तुर्किए की नजदीकी के बावजूद भारत ने मॉडल को व्यावहारिक दृष्टि से देखा
- भारत में SME सेक्टर के लिए नीति निर्माण में अंतरराष्ट्रीय बेस्ट प्रैक्टिस अपनाने का सुझाव
राजनीतिक मतभेदों के बीच नीति का संतुलन
हाल के दिनों में भारत और तुर्किए के संबंध पाकिस्तान के साथ उसके बढ़ते सामरिक सहयोग के कारण तनावपूर्ण रहे हैं। तुर्किए द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन तकनीक मुहैया कराए जाने के बाद भारत में उसके खिलाफ नाराजगी देखी गई है। बावजूद इसके, भारत ने नीतिगत स्तर पर व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए तुर्किए की एक प्रभावी पहल को मान्यता दी है।
नीति आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि “राजनीतिक असहमति और व्यावसायिक सर्वोत्तम प्रथाओं को अलग-अलग तराजू में तौला जाना चाहिए।” रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के मझोले उद्यमों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एक डेटा-ड्रिवेन, उद्योग-केंद्रित स्किल डेवलपमेंट मॉडल की जरूरत है, जो KOSGEB जैसी योजनाओं से प्रेरणा ले सकता है।