Tuesday, July 1, 2025
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लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर गरमाई बहस, अमित शाह ने लालू यादव के बयान का दिया हवाला

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर जबरदस्त बहस चल रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल के समर्थन में दमदार तर्क रखे और विपक्ष के सवालों का करारा जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ संपत्तियों को लेकर भ्रष्टाचार, अतिक्रमण और बेईमानी को रोकने के लिए यह विधेयक अत्यंत आवश्यक है।

वक्फ संपत्ति की सत्यता तय करने का अधिकार कलेक्टर को क्यों?

अमित शाह ने विपक्ष के उस विरोध पर भी सवाल उठाया, जिसमें कहा जा रहा है कि कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों की जांच का अधिकार क्यों दिया गया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा—

“कलेक्टर की भूमिका का विरोध क्यों किया जा रहा है? वह यह तय करेगा कि किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित किया जा सकता है या नहीं। यह सभी भूमि सौदों के लिए सही तरीका है। वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले यह साबित करना जरूरी है कि वह भूमि सरकारी संपत्ति नहीं है।”

वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों की नियुक्ति नहीं होगी – अमित शाह

अमित शाह ने साफ किया कि वक्फ बोर्ड में किसी गैर-मुस्लिम को शामिल नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा—

“हम मुसलमानों के धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे, लेकिन वक्फ संपत्तियों के नाम पर अवैध अतिक्रमण और कब्जे की अनुमति नहीं दी जा सकती।”

शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं और वे कभी भी वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता को लेकर गंभीर नहीं रहे।

लालू यादव भी चाहते थे कि वक्फ कानून मजबूत हो – अमित शाह

अमित शाह ने बहस के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता लालू यादव के पुराने बयान का हवाला दिया। उन्होंने कहा—

“2013 में वक्फ संशोधन बिल पर लालू यादव ने कहा था कि वक्फ संपत्तियों के नाम पर हो रही चोरी को रोकने के लिए एक सख्त कानून की जरूरत है। लेकिन कांग्रेस सरकार ने उनकी इच्छा पूरी नहीं की। अब नरेंद्र मोदी सरकार ने वह काम कर दिखाया है।”

उन्होंने आगे कहा कि यह विधेयक पूर्वव्यापी प्रभाव (Retrospective Effect) से लागू होगा, यानी यह पुराने विवादों और गड़बड़ियों पर भी लागू होगा।

2014 में तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस ने दी थी 123 अहम जमीनें – शाह

अमित शाह ने विपक्ष पर हमला करते हुए यह भी कहा कि—

“अगर 2013 में ही कांग्रेस सरकार ने संशोधन करके कानून को स्पष्ट कर दिया होता तो आज इस विधेयक की जरूरत नहीं होती। लेकिन 2014 के आम चुनावों से ठीक पहले तुष्टिकरण के लिए **लुटियंस दिल्ली की 123 अहम जमीनों को वक्फ संपत्ति के रूप में सौंप दिया गया।“*

उन्होंने यह भी दावा किया कि तमिलनाडु के तिरुचेंदूर मंदिर की 400 एकड़ जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर दिया गया था।

अमित शाह ने दी बड़ी चेतावनी – “कोई भी जमीन सिर्फ घोषणा से वक्फ संपत्ति नहीं बन सकती”

गृह मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि अब यह खेल नहीं चलने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि—

“केवल घोषणा करके किसी भूमि को वक्फ संपत्ति नहीं बनाया जा सकता। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, आदिवासी समुदाय और निजी नागरिकों की भूमि कानून द्वारा संरक्षित की जाएगी।”

उन्होंने कहा कि शिया, पसमांदा, अहमदिया, बोहरी – सभी मुस्लिम समुदाय अपने ट्रस्ट रजिस्टर करा सकते हैं। इसके लिए वक्फ बोर्ड की जरूरत नहीं है

CAA, अनुच्छेद 370, ट्रिपल तलाक, राम मंदिर और मुसलमानों की नागरिकता के मुद्दे पर अमित शाह ने मांगे सबूत

अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि—

“विपक्ष बार-बार कहता है कि CAA से मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी, अनुच्छेद 370 हटाने से मुसलमानों के अधिकार खत्म हो गए, ट्रिपल तलाक कानून मुस्लिम विरोधी है, और राम मंदिर के निर्माण से मुसलमानों को नुकसान हुआ। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि किस मुसलमान की नागरिकता गई? क्या जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री नहीं रह चुके? किस मुसलमान को ट्रिपल तलाक पर न्याय मिलने से दिक्कत है? ये सिर्फ अफवाहें फैलाने की राजनीति है।”

उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि अगर उनके आरोप सही हैं, तो वे ठोस सबूत पेश करें।

क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?

🔹 कलेक्टर को अधिकार मिलेगा कि वह जांच करे कि कोई संपत्ति सरकारी है या नहीं, इससे पहले कि उसे वक्फ घोषित किया जाए।
🔹 वक्फ संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया को पारदर्शी और कानूनी रूप से मजबूत बनाया जाएगा।
🔹 जो लोग वक्फ संपत्ति के नाम पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होगी।
🔹 इस कानून का पूर्वव्यापी प्रभाव होगा, यानी पुराने विवादित मामलों पर भी यह लागू होगा।

अमित शाह के इस बयान ने लोकसभा में नई बहस छेड़ दी है। जहां भाजपा इसे पारदर्शिता और न्याय का कानून बता रही है, वहीं विपक्ष इसे मुस्लिम विरोधी बताने की कोशिश कर रहा है। लेकिन सवाल यही है कि क्या वक्फ बोर्ड की आड़ में भूमि अतिक्रमण की राजनीति अब खत्म होगी? क्या यह कानून अवैध कब्जों पर रोक लगा पाएगा?

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VIKAS TRIPATHI
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