
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी का एक और मामला सामने आया है। रामपुर माझा थाना क्षेत्र के रसूलपुर गांव निवासी शेषनाथ यादव ने अपने फूफा अवधेश यादव और उनके बेटे अभिषेक यादव सहित पांच लोगों पर 4 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया है। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
ऐसे दिया ठगी को अंजाम
पीड़ित शेषनाथ यादव ने बताया कि वह अपने फूफा अवधेश यादव के घर गया था, जो नंदगंज थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर गांव में रहते हैं। फूफा ने बताया कि उनका बेटा अभिषेक और उसके दोस्त सेना में भर्ती कराने का काम करते हैं। यह भी कहा गया कि अभिषेक के एक दोस्त के पिता मेजर से रिटायर हुए हैं, जिससे सेना में भर्ती कराना आसान हो जाएगा।
फूफा ने भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के लिए 50,000 रुपये की मांग की। इसके बाद शेषनाथ यादव और उनके दोस्त देवेंद्र यादव ने मई 2022 में दिल्ली जाकर यह रकम दी। वहां एक मेडिकल टेस्ट कराया गया, और कुछ दिनों बाद दोनों को मोबाइल पर कॉल लेटर भेजा गया।

फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और कोलकाता में ठगी
कॉल लेटर मिलने के बाद शेषनाथ और देवेंद्र को कोलकाता के बैरकपुर में ट्रेनिंग ज्वाइन करने को कहा गया। कोलकाता पहुंचने से पहले शेषनाथ ने 2 लाख रुपये चेक के जरिए और 50,000 रुपये नगद अभिषेक यादव को दिए। देवेंद्र ने भी 3 लाख रुपये नगद दिए।
कोलकाता पहुंचने पर दोनों को एक होटल में ठहराया गया और ज्वाइनिंग लेटर सौंपा गया। लेकिन जब उन्होंने इस लेटर की पुष्टि की तो पता चला कि यह फर्जी है। देवेंद्र का पैसा वापस कर दिया गया, लेकिन शेषनाथ का पैसा लौटाने से इनकार कर दिया गया।
थाने में दर्ज कराई शिकायत
ठगी का अहसास होने के बाद शेषनाथ ने रामपुर माझा थाने में अपने फूफा अवधेश यादव, उनके बेटे अभिषेक यादव, और तीन अन्य लोगों- विवेक यादव, मिथिलेश यादव और कविता यादव के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस की कार्रवाई
गाजीपुर पुलिस का कहना है कि ठगी के इस मामले में सभी आरोपियों की जांच की जा रही है। साथ ही यह पता लगाया जा रहा है कि उन्होंने इस तरह और कितने लोगों को ठगा है।
नौकरी के नाम पर लगातार ठगी के मामले
गाजीपुर और आसपास के इलाकों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि फर्जी एजेंटों से सावधान रहना जरूरी है।
यह घटना लोगों के लिए सबक है कि सरकारी नौकरियों से जुड़ी किसी भी प्रक्रिया में धन के लेन-देन से बचें और संदिग्ध लोगों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।