Saturday, July 5, 2025
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मार्क जकरबर्ग का बयान और 2024 में सत्ताधारी दलों के लिए कठिन साल

Mark Zuckerberg’s Statement: मार्क जकरबर्ग के 2024 में सत्ताधारी दलों के चुनावी हार पर दिए गए बयान ने विवाद पैदा कर दिया है। भारत सरकार ने इसे गलत जानकारी वाला बयान बताया, और सूचना मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जकरबर्ग की टिप्पणी का विरोध किया। इस विवाद के बीच, हम एक नजर डालते हैं कि 2024 का वर्ष दुनिया भर में सत्ताधारी दलों के लिए कितनी चुनौतियां लेकर आया।

मार्क जकरबर्ग का विवादास्पद बयान

मेटा (पूर्व में फेसबुक) के मालिक मार्क जकरबर्ग ने एक पॉडकास्ट में कहा था कि 2024 के वर्ष में अधिकांश देशों में सत्ताधारी दल चुनाव हार गए, जिनमें भारत भी शामिल था। भारत सरकार ने इस बयान को गलत बताते हुए इसका खंडन किया। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जकरबर्ग के बयान का विरोध किया, जबकि प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़े बताते हैं कि 2024 में दुनिया भर में सत्ताधारी दलों के लिए कठिन चुनावी साल था।

कई देशों में सत्ताधारी दलों की हार

2024 में कम से कम 60 देशों में चुनाव हुए, और प्यू रिसर्च सेंटर के अध्ययन के मुताबिक, सत्ताधारी दलों के लिए यह वर्ष बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। कई देशों में सत्ताधारी दलों को हार का सामना करना पड़ा, जबकि कुछ देशों में ये दल मुश्किल से सत्ता में वापस लौटे। इस साल की कुछ प्रमुख हारें निम्नलिखित थीं:

  • अमेरिका: डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार कमला हैरिस को बुरी हार का सामना करना पड़ा, और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली।
  • ब्रिटेन: यहां कंजरवेटिव पार्टी की हार के साथ सत्ता वामपंथी विचारधारा वाली लेबर पार्टी के पास चली गई।
  • बोत्सवाना: यहां लंबे समय से सत्ता में रही बोत्सवाना डेमोक्रेटिक पार्टी को हार का सामना करना पड़ा, और विपक्षी पार्टी ने सरकार बनाई।
  • दक्षिण कोरिया: विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने बहुमत हासिल किया और नेशनल असेंबली में अपनी सत्ता स्थापित की।

जहां सत्ताधारी दलों को झटका लगा

कई देशों में सत्ताधारी दलों को जीत तो मिली, लेकिन उनके प्रदर्शन में कमी रही। इन देशों में चुनावी धक्का लगा:

  • दक्षिण अफ्रीका: अफ्रीकी नेशनल पार्टी को चुनाव में बहुमत नहीं मिला, और उन्हें सहयोगी दल के साथ सरकार बनानी पड़ी।
  • जापान: लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और कोमेइटो पार्टी के लिए चुनावों में हार का सामना करना पड़ा, और दोनों दलों को संसद में अपना बहुमत खोना पड़ा।
  • भारत: नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अकेले सत्ता नहीं हासिल की। वे एनडीए के नेता के तौर पर सरकार बना सके।
  • फ्रांस: राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां के नेतृत्व में गठबंधन को चुनावी झटका लगा और उन्हें प्रधानमंत्री के स्तर पर बदलाव करना पड़ा।

2024 के चुनावों ने यह साबित किया कि सत्ताधारी दलों के लिए यह वर्ष बेहद कठिन था, और चुनावी परिणामों ने दुनिया भर में राजनीतिक बदलावों को जन्म दिया।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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