दिल्ली रिज क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) अधिकारियों के खिलाफ चल रहे अदालत की अवमानना मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ। नए मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।
CJI खन्ना ने सोमवार को इस याचिका की सुनवाई से खुद को अलग किया, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वी.के. सक्सेना पर DDA के अध्यक्ष के रूप में अदालत की अवमानना का आरोप लगाया गया है। उन्होंने अपने इस निर्णय के पीछे उपराज्यपाल के साथ अपने पूर्व संबंधों का हवाला दिया।
पूर्व संबंध का हवाला देकर खुद को अलग किया
सुनवाई के दौरान CJI खन्ना ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए उन्होंने पटना जेलों का दौरा किया था। इस दौरान उनके साथ दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना भी मौजूद थे। CJI ने कहा कि इस पृष्ठभूमि में उनके लिए इस मामले की सुनवाई करना उचित नहीं होगा।
CJI खन्ना के इस मामले से हटने के बाद इसे 27 नवंबर को किसी अन्य बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा। यह इस मामले को सुनने वाली पांचवीं बेंच होगी।
मामले का संक्षिप्त विवरण
यह मामला दिल्ली रिज क्षेत्र में बिना अदालत की अनुमति के पेड़ों की कटाई से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले DDA अधिकारियों और उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना की भूमिका पर सवाल उठाए थे। जून-जुलाई के बीच न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और उज्जल भुयान की बेंच ने DDA के उपाध्यक्ष से इस अवैध कटाई को लेकर कड़ी पूछताछ की थी।
अदालत ने उपराज्यपाल की साइट पर उपस्थिति और उनके दौरे के दौरान हुई घटनाओं की जानकारी मांगी थी। अदालत ने कहा था कि DDA द्वारा किया गया यह कृत्य गंभीर है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
समानांतर कार्यवाही और विवाद
24 जुलाई को न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली एक अलग बेंच ने न्यायमूर्ति ओका की बेंच द्वारा मामले की सुनवाई पर आपत्ति जताई थी। गवई बेंच ने कहा कि उनके समक्ष पहले से ही इस मुद्दे पर सुनवाई चल रही थी, और सभी संबंधित मामलों को एक ही बेंच द्वारा सुना जाना चाहिए। इसके बाद मामला पूर्व CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष लाया गया।
एलजी और DDA के बयानों में विरोधाभास
सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि दिल्ली LG और DDA के पूर्व उपाध्यक्ष द्वारा दिए गए शपथपत्रों में विरोधाभास है। LG ने कहा कि उन्हें पेड़ों की कटाई के लिए अदालत की अनुमति की आवश्यकता के बारे में मार्च 2023 में जानकारी मिली। हालांकि, एक पत्र में DDA उपाध्यक्ष ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने अप्रैल 2023 में LG को पेड़ों की कटाई के बारे में सूचित कर दिया था।
आगे की सुनवाई
अब यह मामला 27 नवंबर को नई बेंच के समक्ष पेश होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर LG और DDA के अधिकारियों से और स्पष्टता की मांग की है।
VIKAS TRIPATHI
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