Saturday, July 5, 2025
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प्राचीन रामलीला में बालि-सुग्रीव युद्ध, हनुमान-सीता मिलन और लंका दहन का भव्य मंचन

गाजीपुर। अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरि शंकरी की ओर से शुक्रवार को रामलीला के 13 वें दिन लीला का मंचन किया गया। शाम 7 बजे से शुरू हुई इस रामलीला में बालि-सुग्रीव युद्ध, श्री हनुमान और माता सीता के मिलन, तथा लंका दहन की घटनाओं को बड़े उत्साह और भव्यता के साथ प्रस्तुत किया गया।लीला से पूर्व कमेटी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी,

उप मंत्री लव कुमार त्रिवेदी, मेला प्रबंधक मनोज कुमार तिवारी, मेला उप प्रबंधक मयंक तिवारी और कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने प्रभु श्री राम की आरती कर लीला का शुभारंभ किया।रायबरेली से आए कलाकारों ने लीला का आरंभ बालि और सुग्रीव के युद्ध से किया। कथा के अनुसार, बालि ने अपने छोटे भाई सुग्रीव को राज्य से निकाल दिया था और उसकी पत्नी रूमा को भी बलपूर्वक अपने पास रख लिया था।

सुग्रीव अपने वानर सेनापति हनुमान के साथ ऋष्यमूक पर्वत पर आश्रय ले रहा था, जहां श्री राम और लक्ष्मण से उनकी भेंट होती है। हनुमान जी ने ब्राह्मण का रूप धारण कर राम और लक्ष्मण का परिचय लिया और फिर उन्हें सुग्रीव के पास ले गए। इसके बाद, श्री राम ने सुग्रीव की सहायता करते हुए बालि का वध किया और सुग्रीव को उसका राज्य वापस दिलाया।

आगे की लीला में श्री हनुमान ने माता सीता का पता लगाकर अशोक वाटिका में उनसे भेंट की। इसके बाद, हनुमान जी ने रावण के बगीचे को उजाड़ा और लंका में हाहाकार मचा दिया। मेघनाथ द्वारा हनुमान जी को ब्रह्मास्त्र से बांधने और रावण द्वारा उनकी पूंछ में आग लगवाने के बाद हनुमान जी ने पूरी लंका को जला दिया।कार्यक्रम में कमेटी के अन्य सदस्यों ओमप्रकाश तिवारी, लव कुमार त्रिवेदी, मनोज कुमार तिवारी, मयंक तिवारी, रोहित अग्रवाल सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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