
दिल्ली पुलिस ने पिछले सप्ताह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बम धमकी फैलाने वाले फर्जी संदेशों को पोस्ट करने वाले खातों की जानकारी के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, विशेषकर X से संपर्क किया है।
शनिवार को बेंगलुरु जाने वाली अकासा एयर की फ्लाइट में 180 यात्रियों के साथ बम धमकी मिलने के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है। इस महीने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे पर ऐसी कई अन्य धमकियों के मामलों की जांच भी शुरू हो गई है।
बम धमकी के इन मामलों की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, जिसमें दिल्ली पुलिस की साइबर सेल और इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशन्स (IFSO) भी शामिल हैं। पुलिस को संदेह है कि अपराधी ने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) या डार्क वेब ब्राउज़र का उपयोग कर कई खाते बनाए और धमकी भरे संदेश पोस्ट किए।
पुलिस ने उन खातों को निलंबित करने और पोस्ट हटाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संपर्क किया है, जिनसे ये धमकियां दी गई थीं।
एक पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “हमें शक है कि हैंडलर ने वीपीएन या डार्क वेब ब्राउज़र का इस्तेमाल कर X पर अकाउंट बनाए और फिर कई खातों से संदेश पोस्ट किए।”
इस सप्ताह अकेले 70 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम धमकियां मिली हैं, जिनमें से अधिकांश अफवाह साबित हुईं। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने इस बढ़ते संकट से निपटने के लिए एयरलाइन सीईओ और प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है।
शनिवार को स्थिति और गंभीर हो गई, जब भारतीय एयरलाइनों की 30 से अधिक उड़ानों को बम धमकी मिली, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में सतर्कता बढ़ी और यात्रियों व हवाई अड्डे के कर्मचारियों के लिए काफी असुविधा उत्पन्न हुई। जिन एयरलाइनों पर असर पड़ा, उनमें एयर इंडिया, विस्तारा, इंडिगो, अकासा एयर, स्पाइसजेट, स्टार एयर और एलायंस एयर शामिल हैं।
धमकी वाली उड़ानों को आइसोलेशन बे में ले जाया गया और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्रालय एयरलाइनों को बम धमकी से बचाने के लिए सख्त नियम लागू करने की योजना बना रहा है, जिसमें ऐसे अपराधियों को ‘नो-फ्लाई लिस्ट’ में डालने का प्रावधान भी शामिल है।