

त्तर प्रदेश के उपचुनाव में बीजेपी ने समाजवादी पार्टी के गढ़ माने जाने वाले कुंदरकी में 31 साल बाद ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। कुल 9 सीटों के नतीजों में बीजेपी ने सात, रालोद ने एक, और सपा ने दो सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन कुंदरकी सीट पर बीजेपी की जीत ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी।
मुस्लिम बहुल सीट पर हिंदू प्रत्याशी की बड़ी जीत
पश्चिमी यूपी की मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट पर बीजेपी के रामवीर सिंह ने सपा के तीन बार के विधायक मोहम्मद रिजवान को 1,44,791 वोटों के बड़े अंतर से हराया। रामवीर सिंह ने कुल 1,70,371 वोट हासिल किए, जबकि सपा प्रत्याशी सिर्फ 25,580 वोटों पर सिमट गए। इस सीट पर कुल 11 मुस्लिम उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे, जबकि रामवीर सिंह अकेले हिंदू प्रत्याशी थे।
चुनावी रणनीति ने किया कमाल
कुंदरकी में बीजेपी की जीत की वजह उनकी रणनीति को माना जा रहा है। रामवीर सिंह मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार के दौरान जालीदार टोपी और अरबी रुमाल पहनकर वोट मांगते नजर आए। इसके अलावा बीजेपी की मुस्लिम महिला नेता भी डेरा डालकर घर-घर जाकर प्रचार करती रहीं। यह रणनीति काम कर गई और बीजेपी ने इस सीट पर तीन दशक से चले आ रहे सपा के वर्चस्व को तोड़ दिया।
कुंदरकी में किसे कितने वोट मिले?
- रामवीर सिंह (बीजेपी): 1,70,371
- मोहम्मद रिजवान (सपा): 25,580
- रफतउल्ला (बसपा): 1,099
- चांद बाबू (आसपा): 14,201
- मोहम्मद वारिस (एआईएमआईएम): 8,111
- साजेब (सम्राट मिहिर पा): 102
- मसरूर (निर्दलीय): 141
- मोहम्मद उवैश (निर्दलीय): 118 और 260
- रिजवान अली (निर्दलीय): 483
- रिजवान हुसैन (निर्दलीय): 758
- शौकीन (निर्दलीय): 292
- नोटा: 581
सपा का गढ़ कैसे टूटा?
कुंदरकी सपा का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन इस बार बीजेपी ने मजबूत चुनावी प्रचार और समुदाय आधारित रणनीति से समाजवादी पार्टी का वर्चस्व खत्म कर दिया। रामवीर सिंह की जीत से साबित होता है कि बीजेपी ने मुस्लिम बहुल इलाकों में भी अपनी पैठ बना ली है।
कुंदरकी उपचुनाव की यह जीत बीजेपी के लिए न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी बड़ी राजनीतिक दिशा तय कर सकती है।