बिहार चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि चुनाव में जीत-हार चलती रहती है, लेकिन इस बार महागठबंधन को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी। इसके बावजूद उन्होंने NDA और उसके शीर्ष नेतृत्व को जीत की बधाई दी।
सहनी ने आरोप लगाया कि एनडीए को वास्तविक जनादेश नहीं मिला है बल्कि पैसे के दम पर जीत हासिल की गई है, जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने तंज भरे अंदाज़ में कहा, “आजकल देश में रील चलती है—‘10 हजार रुपये में क्या मिलता है?’ तो जवाब आता है—‘10 हजार में बिहार सरकार मिल जाती है।’”
उनके अनुसार चुनाव में पैसे का दुरुपयोग किसी भी रूप में लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करता है। पहले दबंग या सम्पन्न लोग गरीबों का वोट खरीदकर सत्ता हासिल कर लेते थे, जिसे गैरकानूनी माना जाता था, लेकिन आज वही काम सरकार की ओर से होने का आरोप उन्होंने लगाया।
महिलाओं ने कराया NDA को फायदा, युवाओं का समर्थन महागठबंधन को—सहनी
मुकेश सहनी के अनुसार इस चुनाव में युवाओं का स्पष्ट समर्थन महागठबंधन के साथ था, यही वजह है कि गठबंधन को लगभग 38–39% वोट मिले, जो 2020 की तुलना में अधिक है। उन्होंने कहा कि युवा रोजगार और नौकरी की उम्मीद में महागठबंधन के साथ खड़े रहे।
लेकिन महिलाओं ने बड़े पैमाने पर NDA का समर्थन किया, जिसके चलते वह सत्ता में लौटने में सफल हुई।
#WATCH | Patna, Bihar | “… 10000 mein kya milta hai? 10000 mein Bihar sarkaar milta hai…,” says Vikassheel Insan Party (VIP) Chief Mukesh Sahani.
He also says, “In elections, you either win or lose. Mahagathbandhan did not get the success it was supposed to. NDA emerged… pic.twitter.com/PKSUoeFj7t
— ANI (@ANI) November 16, 2025
2029 की तैयारी अभी से शुरू होगी
VIP प्रमुख ने कहा कि हार की समीक्षा की जाएगी और 2029 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए अभी से तैयारी शुरू होगी, ताकि बिहार में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। उन्होंने जीविका दीदी योजना पर भी सरकार को घेरा।
सरकार द्वारा दो लाख रुपये देने के वादे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक सिर्फ 10 हजार रुपये दिए गए हैं और 1.90 लाख रुपये बाकी हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह राशि समय पर नहीं दी गई, तो जीविका दीदी के साथ मिलकर आंदोलन किया जाएगा।
“हार सबकी, जीत सबकी”—मुकेश सहनी
रोहिणी आचार्य मामले पर टिप्पणी करने से बचते हुए सहनी ने कहा कि महागठबंधन की हार के लिए किसी एक व्यक्ति को दोष देना गलत है। उन्होंने कहा, “अगर जीत होते तो श्रेय सबका होता, इसलिए हार की जिम्मेदारी भी सभी नेताओं को लेनी चाहिए और गलतियों से सीखकर आगे बढ़ना चाहिए।”














