Tuesday, July 1, 2025
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योगीराज में खुद को सीएमओ समझने वाला बाबू आया गिरफ्त में, जानें क्या है पुरा मामला

।गाजीपुर। कहते हैं ना कि हराम का खाना एक ना एक दिन अपना असर जरूर दिखाता है जनपद के स्वास्थ्य महकमे आतंक का पर्याय बने और छोटे छोटे डायग्नोस्टिक सेंटरों पर कार्यवाही का भय दिखाकर खून चूसने वाले बाबू आया गिरफ्त में बता दें कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी गाजीपुर का चर्चित बाबू अनिल कुमार चौबे गुरुवार को एंटी करप्शन टीम वाराणसी के चंगुल में चढ़ ही गया। एक शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने मेडिकल कॉलेज चौराहे के पास से उसे एक प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर के मालिक से ₹40 हजार की घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोच लिया और थाना कोतवाली गाजीपुर ले आई, जहां चर्चित बाबू अनिल कुमार चौबे पुत्र ईश्वर दयाल चौबे, निवासी चौबे टोला, रानी गंज बैरिया जिला बलिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक कार्रवाई की गई, भ्रष्टाचार निवारण टीम के सदस्यों द्वारा केमिकल युक्त रुपयों के सैंपल इकट्ठा करके उसे सबूत के तौर पर सील बंद किया गया, इस मामले में एंटी करप्शन टीम वाराणसी की तरफ से प्रेस नोट जारी करके बताया गया कि विजय विक्रम, निवासी पत्थरघाट, गोराबाजार गाजीपुर द्वारा शिकायत मिली थी कि वे एक प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक हैं और उनके डायग्नोस्टिक सेंटर की लाइसेंस अवधि समाप्त हो गई है और उसे वह पुनः बनवाना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी गाजीपुर के दफ्तर में संपर्क किया तो उस पटल को देखने वाले क्लर्क अनिल कुमार चौबे नाम ने कहा कि बन जाएगा लेकिन ₹40 हजार की रिश्वत देनी पड़ेगी,

संचालक ने उनसे अनुनय विनय किया, लेकिन सीएमओ दफ्तर का उक्त चर्चित बाबू अनिल कुमार चौबे नहीं माना, तो अजय विक्रम ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क साधा और आज गुरुवार की शाम 6.55 बजे उसे मेडिकल कॉलेज के पास पीजी कॉलेज चौराहे पर अपने शिवशक्ति डायग्नोस्टिक सेंटर में बुलाया और केमिकल युक्त रुपया उसके हाथों में दे दिया, और तभी एंटी करप्शन की पूरी टीम ने उसे फौरन दबोच लिया, दबोचे जाने के बाद सीएमओ दफ्तर का चर्चित बाबू अनिल कुमार चौबे घबरा गया, लेकिन तब तक एंटी करप्शन की टीम ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया था। आनन फानन में उसे कोतवाली लाया गया, जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है, इस मामले में डायग्नोस्टिक संचालक विजय विक्रम ने बताया कि उसका शिव शक्ति डायग्नोस्टिक सेंटर, मेडिकल कॉलेज के पास पीजी कॉलेज चौराहे पर चलता है, जिसका लाइसेंस फिलहाल समाप्त हो गया था और पुनः उसका लाइसेंस बनवाने के लिए वह सीएमओ कार्यालय के चक्कर लगा रहा था, लेकिन उक्त पटल के सहायक अनिल कुमार चौबे द्वारा ₹40 हजार की डिमांड नए लाइसेंस बनाने के लिए मांगी जा रही थी, जो कि वह देने में असमर्थ था,

उसने उनसे निवेदन भी किया लेकिन वह नहीं माने, तो अंततः उसने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम वाराणसी से की और उनसे मिलकर आज उसने केमिकल लगे रुपए अनिल कुमार चौबे को अपने डायग्नोस्टिक सेंटर में दिया जिसके बाद नीरज कुमार सिंह प्रभारी और उनकी 11 सदस्यीय एंटी करप्शन टीम, वाराणसी ने अभियुक्त अनिल कुमार चौबे को घुस लेते रंगे हाथों दबोच लिया और उसके खिलाफ कार्रवाई करके जेल भेजने की कार्रवाई कर रही है। एंटी करप्शन टीम ने बकायदा प्रेस नोट जारी कर इस बात की पुष्टि भी की है।

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