
Yamuna Water Dispute: Election Commission Slams Kejriwal’s Statement,: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के यमुना जल प्रदूषण पर दिए गए बयान पर चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने कहा कि केजरीवाल के आरोप दो राज्यों के बीच युद्ध भड़काने जैसे हैं।
केजरीवाल का आरोप: ‘हरियाणा यमुना में जहर मिला रहा है’
अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दावा किया था कि हरियाणा सरकार यमुना में “जहर” मिला रही है, जिससे दिल्ली के लोगों को दूषित और जहरीला पानी मिल रहा है। इस पर चुनाव आयोग ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि जल प्रदूषण को “सामूहिक नरसंहार” से जोड़ना बेहद गंभीर और भड़काऊ है।
चुनाव आयोग का नोटिस: जवाब देने का आखिरी मौका
चुनाव आयोग ने केजरीवाल को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वह शुक्रवार सुबह 11 बजे तक इस बात के प्रमाण दें कि दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी “जहर” का पता कैसे लगा रहे हैं और इंजीनियर किस प्रकार इसकी जांच कर रहे हैं। आयोग ने साफ किया कि अगर केजरीवाल इस पर संतोषजनक जवाब नहीं देते, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि यमुना में अमोनिया के बढ़े स्तर को “जहर” कहकर दो राज्यों के बीच विवाद पैदा करना उचित नहीं है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि स्वच्छ पानी की उपलब्धता एक प्रशासनिक विषय है और सभी सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे जनता को सुरक्षित पानी उपलब्ध कराएं।
केजरीवाल का जवाब: ‘यमुना का पानी बेहद जहरीला’
चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में अरविंद केजरीवाल ने 14 पेज का पत्र भेजा। उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित हरियाणा से जो कच्चा पानी दिल्ली को मिल रहा है, वह बेहद दूषित और जहरीला है। केजरीवाल ने चेतावनी दी कि अगर लोग ऐसा जहरीला पानी पीने को मजबूर हुए, तो इससे गंभीर स्वास्थ्य संकट खड़ा होगा और कई लोगों की मृत्यु भी हो सकती है।
क्या होगा आगे?
चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अगर केजरीवाल अपने दावों के ठोस सबूत नहीं देते, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस पूरे विवाद ने दिल्ली-हरियाणा के राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है और आने वाले दिनों में इस पर और भी सियासी टकराव देखने को मिल सकता है।