
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर मुसलमानों की आर्थिक स्थिति को लेकर तीखा हमला बोला है। फडणवीस ने यह बयान 28 सितंबर को ज़ी न्यूज़ के एक सम्मेलन में दिया। उनकी इस टिप्पणी का एक हिस्सा, जिसमें वह कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर “वोटबैंक की राजनीति” को लेकर आलोचना कर रहे हैं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तेजी से वायरल हो रहा है।
फडणवीस ने कहा, “अगर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को वाकई मुसलमानों की परवाह होती—वे इतने साल सत्ता में रहे—तो कम से कम मुसलमानों की हालत में 1 प्रतिशत तो सुधार होता।”
उन्होंने आगे कहा, “वो तो पंक्चरवाला ही बना ना, इंडस्ट्रियलिस्ट थोड़ी बना। वो तो पेचकस ही लेकर घूम रहा है ना, उसने मोटरगाड़ी बनाने का काम तो शुरू नहीं किया। क्योंकि ये सारी पार्टियां चाहती हैं कि मुसलमान गरीब रहे, मुसलमान पिछड़ा रहे, मुसलमान को कम्युनल हम बनाए, ताकि अपनी रोटियां हम सेक पाएं।”
फडणवीस के इस बयान का मतलब था कि मुसलमान अभी भी छोटे-मोटे कामों में लगे हुए हैं और उन्हें उन्नति का मौका नहीं मिला है। वे अब भी ब्लू-कॉलर नौकरियों में फंसे हैं और इंडस्ट्रियलिस्ट बनने की दिशा में आगे नहीं बढ़ पाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियां चाहती हैं कि मुसलमान गरीब और पिछड़े रहें, ताकि वे उनकी वोटबैंक राजनीति से फायदा उठा सकें।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सक्रिय कार्यकर्ता मनोज जरांगे के एक बयान ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग देवेंद्र फडणवीस का समर्थन कर रहे हैं, वे ’24 कैरेट’ मराठा नहीं हैं। उनके इस बयान ने मराठा समुदाय और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है।
वहीं, दूसरी ओर, फडणवीस ने मुस्लिम समुदाय और वक्फ बोर्ड को लेकर एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि “साधारण मुसलमानों” को वक्फ बोर्ड या उसके कानून की जानकारी नहीं है। उन्होंने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे ऐसे मुद्दों पर राजनीति कर रहे हैं और केवल राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस विवादित बयान के बाद राजनीतिक माहौल और गरमा गया है, जहां एक तरफ मराठा आरक्षण की मांग जोर पकड़ रही है, वहीं दूसरी ओर देवेंद्र फडणवीस पर किए गए बयान को लेकर भी विभिन्न नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस छिड़ गई है।