
अकबरुद्दीन ओवैसी का विवादित बयान
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने 5 नवंबर (मंगलवार) को छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में एक राजनीतिक रैली के दौरान एक और विवादित बयान दिया।
इस रैली में भारी संख्या में लोग शामिल हुए थे। रैली में उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और वहां मौजूद लोगों से धैर्य रखने की अपील की, क्योंकि उनकी रैली के समय सीमा में अभी ’15 मिनट’ बचे थे। भीड़ ने उनके इस बयान पर जोरदार प्रतिक्रिया दी। अकबरुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर अपने भाषण में ’15 मिनट’ का उल्लेख किया।
उन्होंने प्रचार के समय का जिक्र करते हुए कहा, “अभी 9:45 हो रहे हैं। समय है। अभी 15 मिनट और बचे हैं, धैर्य रखो, धैर्य रखो। न मैं उन्हें अकेला छोड़ूंगा, न वे मुझे अकेला छोड़ेंगे…, यह चलता रहेगा लेकिन इसकी गूंज सुनाई देगी।”
ओवैसी के भड़काऊ बयान की आलोचना
अकबरुद्दीन ओवैसी के इस बयान को भड़काऊ और समुदायों के बीच तनाव बढ़ाने वाला माना जा रहा है। इससे पहले भी अकबरुद्दीन ओवैसी अपने ’15 मिनट’ वाले बयान के लिए विवादों में रहे हैं, जिसमें उन्होंने पुलिस को हटाकर समुदायों की ताकत की चुनौती दी थी।
राजनीतिक माहौल गरमाया
उनके इस बयान ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। कई हिंदू संगठनों और नेताओं ने ओवैसी के इस बयान की कड़ी आलोचना की है और इसे सांप्रदायिकता फैलाने वाला और हिंसा भड़काने वाला करार दिया है।
इस प्रकार के बयानों से राजनीतिक दलों के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं, जिससे आने वाले चुनावों में तनाव और बढ़ सकता है।
नवनीत राणा का करारा जवाब: ‘हमें सिर्फ 15 सेकंड चाहिए’, अकबरुद्दीन ओवैसी के भड़काऊ बयान पर बीजेपी नेता की चुनौती
बीजेपी नेता नवनीत राणा ने एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के ’15 मिनट’ वाले बयान पर तीखा पलटवार किया है। महाराष्ट्र में कट्टर हिंदुत्व की नई पहचान बन रहीं नवनीत राणा ने ओवैसी की टिप्पणी पर सख्त जवाब देते हुए कहा, “हमें सिर्फ 15 सेकंड चाहिए।”
अकबरुद्दीन ओवैसी का विवादित बयान
दरअसल, अकबरुद्दीन ओवैसी का यह बयान नया नहीं है। साल 2012 में उन्होंने एक रैली में विवादित टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में मुसलमानों की संख्या 25 करोड़ है जबकि हिंदुओं की 100 करोड़, लेकिन “देश से 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो, तब पता चलेगा कि किसमें कितनी ताकत है।” इस बयान ने राजनीतिक हलकों में तूफान खड़ा कर दिया था और इस पर भारी विवाद हुआ था। मामला अदालत तक पहुंचा था, लेकिन 2022 में अदालत ने अकबरुद्दीन ओवैसी को इस बयान सहित दो घृणास्पद भाषणों के मामलों में बरी कर दिया था।
नवनीत राणा का पलटवार
नवनीत राणा ने ओवैसी के इस बयान को लेकर सख्त लहजे में कहा, “अगर उन्हें 15 मिनट चाहिए, तो हमें केवल 15 सेकंड चाहिए। हम यह चुनौती स्वीकार करते हैं और देश की एकता और अखंडता को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने देंगे।”
हिंदुत्व की राजनीति का नया चेहरा
नवनीत राणा का यह बयान महाराष्ट्र में कट्टर हिंदुत्व की राजनीति को एक नई दिशा देने वाला माना जा रहा है। उनके इस तीखे पलटवार से बीजेपी कार्यकर्ताओं और हिंदुत्व समर्थकों के बीच उत्साह बढ़ा है।
ओवैसी पर निशाना साधा
नवनीत राणा ने ओवैसी को चुनौती देते हुए कहा कि “जो लोग देश की शांति और सद्भावना को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हिंदू समाज अब जागरूक है और किसी भी भड़काऊ बयानबाजी को सहन नहीं करेगा।”
इस बयान से राजनीतिक माहौल एक बार फिर गरमाया हुआ है और आने वाले चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है।