
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच अमेरिका सक्रिय कूटनीतिक भूमिका निभा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीर मुनीर से अलग-अलग बातचीत की है। इन चर्चाओं में रुबियो ने दोनों देशों से तत्काल तनाव कम करने, सीधी बातचीत को बढ़ावा देने और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करने की अपील की है।
सीमा पार से हो रहे हमलों के बीच अमेरिका की मध्यस्थता की पहल
यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान की ओर से भारत पर ड्रोन हमले और गोलाबारी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। भारतीय सुरक्षा बलों ने पिछले 48 घंटों में पाकिस्तान के 26 से ज्यादा ड्रोन हमलों को विफल किया है, साथ ही एक पाकिस्तानी फाइटर जेट को भी मार गिराया है।
रुबियो ने पाकिस्तान को चेताया, भारत को समर्थन
अपने बयान में अमेरिकी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना बंद करने की सलाह दी और कहा कि अमेरिका सीधी बातचीत को प्राथमिकता देता है, न कि टकराव को। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है।
यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने हस्तक्षेप किया हो। इससे पहले भी रुबियो ने पाकिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) से बात कर संयम बरतने और भारत की कार्रवाई का जवाब न देने की चेतावनी दी थी।
तनाव के हालात गंभीर
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले चार दिनों में हालात तेजी से बिगड़े हैं। पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर, अमृतसर, पठानकोट, सिरसा, बाड़मेर, पुंछ और उरी जैसी संवेदनशील जगहों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिशें की गई, जिन्हें भारतीय सेनाओं ने समय रहते विफल कर दिया।
इस पूरी स्थिति पर अमेरिका की निगाहें टिकी हुई हैं, लेकिन उसका रुख साफ है — आतंकवाद बर्दाश्त नहीं, बातचीत को प्राथमिकता।

VIKAS TRIPATHI
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