बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर मचे तनाव के बीच राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की नाराज़गी अब दूर हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से करीब एक घंटे की मुलाक़ात में सभी मतभेद दूर हो गए। इस बैठक में कुशवाहा को भविष्य में “उचित सम्मान और प्रतिनिधित्व” देने का आश्वासन मिला है।
जानकारी के अनुसार, महुआ सीट को लेकर चल रहा विवाद भी सुलझ गया है।
उपेंद्र कुशवाहा ने अब महुआ विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी छोड़ने का फैसला लिया है। इस सीट से अब चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का उम्मीदवार एनडीए गठबंधन की ओर से चुनाव लड़ेगा।
इसके बदले में भाजपा ने कुशवाहा को तीन राजनीतिक अवसरों का आश्वासन दिया है —
1.एक विधानसभा सीट,
2.एक विधान परिषद (एमएलसी) सीट, और
3.अगले वर्ष खाली होने वाली राज्यसभा की एक सीट।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा की तीन विधान परिषद सीटें जल्द ही खाली होने वाली हैं, जिनमें से एक सीट उपेंद्र कुशवाहा को दी जाएगी। वहीं, आगामी वर्ष राज्यसभा की चार सीटें खाली होनी हैं, जिनमें से एक सीट भी उन्हें देने पर सहमति बनी है।
इस तरह, महुआ सीट छोड़ने के बदले उपेंद्र कुशवाहा को “1 एमएलसी + 1 विधानसभा + 1 राज्यसभा सीट” का फार्मूला ऑफर किया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर लिखा था,
“एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं है (Nothing is well in NDA).”
उन्होंने बुधवार को पटना स्थित पार्टी कार्यालय में दोपहर 12:30 बजे एक आपात बैठक बुलाने की घोषणा की थी, जिसमें एनडीए में पार्टी की भविष्य की भूमिका पर चर्चा होनी थी।
हालाँकि, बैठक को बाद में स्थगित कर दिया गया।
कुशवाहा ने बताया,
“केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ विमर्श के लिए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और मुझे दिल्ली जाना है। इसलिए आज की बैठक स्थगित की जा रही है।”
इस बैठक के बाद माना जा रहा है कि एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा और भाजपा के रिश्ते फिर से पटरी पर आ गए हैं, और अब गठबंधन की सीट बंटवारे की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुँच गई है।