वॉशिंगटन, गुरुवार — अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें “एक महान व्यक्ति और सच्चा मित्र” बताया। उन्होंने संकेत दिया कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को नई दिशा देने के प्रयासों के तहत वे अगले वर्ष भारत की यात्रा कर सकते हैं।
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा,
“प्रधानमंत्री मोदी के साथ मेरी बातचीत बहुत अच्छी चल रही है। वह एक महान व्यक्ति हैं और मेरे मित्र हैं। उन्होंने मुझे भारत आने का निमंत्रण दिया है — और हाँ, मैं उस यात्रा की योजना बना सकता हूँ।”
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में नई जटिलताएँ
ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध एक नए मोड़ पर हैं। हाल ही में वॉशिंगटन ने भारत पर रूसी तेल की खरीद जारी रखने के कारण कुछ उत्पादों पर 25 से 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने का निर्णय लिया था। यह कदम दोनों देशों के बीच जारी व्यापार वार्ताओं पर प्रत्यक्ष प्रभाव डाल सकता है।
क्वाड शिखर सम्मेलन और नीति परिवर्तन
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने पहले इस वर्ष के अंत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत आने का आश्वासन दिया था, परंतु अब उन्होंने अपनी योजना बदल दी है। रिपोर्ट का शीर्षक था — “नोबेल पुरस्कार और एक टेस्टी फोन कॉल: ट्रंप-मोदी संबंध कैसे विकसित हुए।”
इस बदलाव के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप और मोदी के बीच संवाद की निरंतरता द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता का संकेत है।
ओवल ऑफिस में दिवाली, संबंधों में गर्माहट
हाल ही में ट्रंप ने ओवल ऑफिस में भारतीय-अमेरिकी अधिकारियों के साथ दिवाली मनाई — जो इस बात का प्रतीक है कि वॉशिंगटन में भारतीय समुदाय का प्रभाव बढ़ रहा है और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक-राजनयिक संबंध और गहरे हो रहे हैं।
रूस को लेकर नीति संतुलन
ट्रंप प्रशासन द्वारा रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के प्रयासों के बीच भारत की स्थिति संतुलित और स्वायत्त बनी हुई है। भारत ने स्पष्ट किया है कि उसकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हितों और उपभोक्ता कल्याण पर आधारित है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,“भारत तेल और गैस का एक प्रमुख आयातक देश है। अस्थिर वैश्विक परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारी ऊर्जा नीति विविध स्रोतों पर आधारित है ताकि मूल्य स्थिरता और आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।”
ट्रंप की टिप्पणियाँ यह दर्शाती हैं कि भले ही नीतिगत मतभेद बने रहें, लेकिन राजनयिक संवाद और व्यक्तिगत संबंध दोनों देशों के रिश्तों में सकारात्मक ऊर्जा बनाए हुए हैं। आने वाले महीनों में यह स्पष्ट होगा कि व्यापार, सुरक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत-अमेरिका साझेदारी किस दिशा में आगे बढ़ती है।














