
Trump Administration’s Major Move: वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों को देश से बाहर निकालने की कार्रवाई तेज हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिका ने निर्वासन (डिपोर्टेशन) अभियान शुरू किया है। इसी क्रम में सोमवार, 3 फरवरी को एक C-17 ग्लोबमास्टर सैन्य विमान से अवैध भारतीय प्रवासियों का पहला जत्था भारत के लिए रवाना हुआ। अमेरिकी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह विमान 24 घंटे के भीतर भारत पहुंच जाएगा।
अमेरिकी प्रशासन की कार्रवाई क्यों?
ट्रंप प्रशासन अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़े रुख के लिए जाना जाता है। अमेरिकी इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) ने हाल ही में सख्त नीति अपनाते हुए उन लोगों को निशाना बनाया जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे, झूठे दस्तावेजों का उपयोग कर रहे थे या वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद अमेरिका में रुके हुए थे।
कुछ प्रमुख कारण:
1. अवैध तरीके से प्रवेश करने वाले भारतीय नागरिक – कुछ लोग मेक्सिको या कनाडा के रास्ते बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका पहुंचे थे।
2. वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद रुकना – ऐसे हजारों भारतीय अमेरिका में रहते हैं जिनका वीजा समय समाप्त हो चुका है।
3. झूठे दस्तावेजों का इस्तेमाल – कुछ लोगों ने अमेरिकी वीजा लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया था।
4. अमेरिकी रोजगार कानूनों का उल्लंघन – कई प्रवासी अवैध रूप से काम कर रहे थे जिससे अमेरिकी नागरिकों को रोजगार में नुकसान हो रहा था।
भारत के लिए रवाना हुए अवैध प्रवासी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहली फ्लाइट में लगभग 150 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है। C-17 ग्लोबमास्टर जैसे बड़े सैन्य विमान का इस्तेमाल करना दर्शाता है कि यह कार्रवाई सुनियोजित और बड़े पैमाने पर की जा रही है।
C-17 सैन्य विमान क्यों?
C-17 ग्लोबमास्टर अमेरिका का एक विशाल सैन्य परिवहन विमान है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर सैन्य अभियानों और आपातकालीन निकासी में किया जाता है। इस विमान में एक बार में 130-150 यात्रियों को आसानी से ले जाया जा सकता है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर औपचारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत जल्द ही इन प्रवासियों की कानूनी स्थिति की समीक्षा करेगा। इस मामले पर नई दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच उच्चस्तरीय वार्ता हो सकती है।
पहले भी हुई है ऐसी कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने भारतीय प्रवासियों को निर्वासित किया हो। 2019 और 2020 में भी हजारों भारतीयों को वापस भेजा गया था।
उदाहरण:
• 2020 में ICE ने 135 भारतीयों को चार्टर फ्लाइट से भारत भेजा था।
• 2019 में भी 150 से अधिक भारतीयों को डिपोर्ट किया गया था, जिनमें से कई असम, पंजाब और गुजरात के थे।
प्रभावित भारतीयों का क्या होगा?
अवैध प्रवासियों को भारत लौटने के बाद स्थानीय अधिकारियों के समक्ष कानूनी जांच का सामना करना पड़ सकता है।
• कई लोगों के पास फर्जी दस्तावेज होने के कारण उन पर मुकदमा चल सकता है।
• जिनका सिर्फ वीजा एक्सपायरी का मामला है, उन्हें कुछ समय बाद फिर से अमेरिका जाने की अनुमति मिल सकती है।
• कुछ मामलों में, भारत सरकार विशेष राहत योजना के तहत इन्हें पुनर्वास सहायता दे सकती है।
ट्रंप प्रशासन के अगले कदम
ट्रंप प्रशासन का यह निर्वासन अभियान जारी रहेगा और आने वाले हफ्तों में अन्य अवैध प्रवासियों के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई हो सकती है।
अमेरिका द्वारा भारतीय अवैध प्रवासियों को देश से निकालने की यह बड़ी कार्रवाई भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित कर सकती है। ट्रंप सरकार का यह निर्णय अमेरिका में कड़े इमिग्रेशन कानूनों को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब यह देखना होगा कि भारत सरकार इन डिपोर्टेड नागरिकों के पुनर्वास के लिए क्या कदम उठाती है।