उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सोमवार देर रात 23 IAS अधिकारियों के तबादले कर दिए। इनमें 10 जिलों के जिलाधिकारियों (DMs) की भी अदला-बदली की गई है। यह बदलाव न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने के लिए है, बल्कि यह भी स्पष्ट संकेत है कि राज्य सरकार जिलों के कामकाज में कोई कोताही नहीं चाहती।
नोएडा को मिली नई कप्तान, मेधा रूपम बनीं डीएम
सबसे खास बात यह रही कि कासगंज की डीएम रहीं IAS मेधा रूपम को गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। नोएडा जैसे संवेदनशील और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण ज़िले की जिम्मेदारी मिलना इस बात का संकेत है कि मेधा रूपम के कार्य को सरकार ने सराहा है।
प्रमुख जिलों के डीएम बदले गए, देखें नई नियुक्तियां:
जिला | नए जिलाधिकारी (IAS) |
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गौतम बुद्ध नगर | मेधा रूपम |
गाजियाबाद | रविंद्र कुमार मांदड़ |
प्रयागराज | मनीष वर्मा |
कासगंज | प्रणय सिंह |
गोरखपुर | दीपक मीना |
कानपुर देहात | कपिल सिंह |
बहराइच | अक्षय त्रिपाठी |
ललितपुर | अमन दीप डुली |
मिर्जापुर | पवन कुमार गंगवार |
गोंडा | प्रियंका निरंजन |
विभागीय बदलाव भी हुए, कई अफसरों को नई जिम्मेदारियां
नेहा शर्मा, जो गोंडा की डीएम थीं, अब प्रभारी महानिरीक्षक, निबंधन बनाई गई हैं।
मोनिका रानी, जो बहराइच की डीएम थीं, अब विशेष सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग और अपर महानिदेशक, स्कूल शिक्षा बनी हैं।
गौरव दयाल को गृह विभाग का सचिव बनाया गया है।
राजेश कुमार को अयोध्या मंडल का नया कमिश्नर नियुक्त किया गया है।
कृष्ण करुणेश को अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अन्य महत्वपूर्ण तबादले:
जय नाथ यादव – विशेष सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा, यूपी शासन
प्रणता ऐश्वर्या – मुख्य विकास अधिकारी, सीतापुर
मिनिष्ती एस – गन्ना आयुक्त, उत्तर प्रदेश
प्रमोद कुमार उपाध्याय – सचिव, समाज कल्याण विभाग
डॉ. सारिका मोहन – सचिव, वित्त विभाग
मृत त्रिपाठी – सचिव, उच्च शिक्षा विभाग
विमल कुमार दुबे – कमिश्नर, झांसी और मुख्य कार्यपालक अधिकारी, बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण, झांसी (अतिरिक्त प्रभार)
प्रशासनिक संकेत और संदेश
इन तबादलों से स्पष्ट है कि योगी सरकार प्रशासन में गति, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। खासकर नोएडा, प्रयागराज, गाजियाबाद और अयोध्या जैसे बड़े और संवेदनशील जिलों में हुए बदलाव 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति का भी संकेत हो सकते हैं।
इन तबादलों ने यूपी की ब्यूरोक्रेसी में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। जिन अधिकारियों को नई जिम्मेदारी मिली है, उनके सामने चुनौतियां तो हैं ही, लेकिन सरकार की अपेक्षाएं भी बड़ी हैं। अब देखना यह है कि यह नई टीम जनता की आकांक्षाओं पर कितनी खरी उतरती है।