Tuesday, July 1, 2025
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“मुरलीवाला हौसला”– साँपों का सच्चा मित्र, जिसने ज़हर की परवाह किए बिना जीवन को समर्पित किया

जौनपुर, उत्तर प्रदेश। एक चेहरा… जो सोशल मीडिया पर करोड़ों लोगों के दिलों में बसा हुआ है। एक नाम… जो साँपों से डरने वाले समाज में भी साहस और सेवा का प्रतीक बन गया – मुरलीवाला हौसला।

सर्पों के लिए जीवन समर्पित कर देने वाले इस व्यक्ति की कहानी सिर्फ एक साहसी रेस्क्यूअर की नहीं, बल्कि मानवीय करुणा और प्रकृति के साथ प्रेम का प्रतीक बन चुकी है। आज, जब वह खुद ज़िंदगी और मौत की लड़ाई से गुज़रे हैं, तब उनकी यात्रा एक नई परिभाषा देती है – कि सच्चे सेवा-भाव में डर और मोह दोनों की बलि देनी पड़ती है।

साँपों से प्यार, उन्हें बचाने की तपस्या

मुरलीवाला हौसला ने अब तक 8,000 से अधिक साँपों को बचाया। जिन जानवरों को समाज भय, अंधविश्वास और घृणा से देखता है, मुरलीवाला ने उन्हें संवेदनाओं और समझ से देखा। उन्होंने न केवल उन्हें घरों से सुरक्षित जंगलों तक पहुँचाया, बल्कि लोगों को बताया कि साँप केवल आक्रमण तब करते हैं जब उन्हें खतरा महसूस होता है।

उनका YouTube चैनल, जहाँ करोड़ों लोग उन्हें साँपों को पकड़ते और समझाते देखते हैं, एक जीवंत उदाहरण है कि कैसे एक आम आदमी असाधारण बन सकता है – बस जज़्बे से।

और जब साँप ने डंस लिया

3 जून 2025 को, एक ऐसा दिन जब मुरलीवाला हौसला एक जहरीले कोबरा को बचाने निकले। जैसे ही उन्होंने रेस्क्यू किया, अचानक साँप ने उन्हें डंस लिया। हर बार की तरह उन्होंने फौरन एंटी-वेनम लिया, लेकिन शायद इस बार विष की तीव्रता ज़्यादा थी।

कुछ ही घंटों में हालत बिगड़ने लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने कहा – “अगर थोड़ी देर और होती, तो विष दिल तक पहुँच जाता…”। यह सुनकर उनके प्रशंसकों, परिवार और तमाम जीवप्रेमियों के दिल काँप उठे।

लेकिन किस्मत ने साथ दिया… कुछ समय बाद उन्होंने होश में आकर मुस्कुराकर कहा:
“मैं ठीक हूं… साँप ने अपना काम किया, मैंने अपना।”

https://twitter.com/pardaphaas/status/1929940201779970420

एक गहरी सीख — साँप को मित्र मान सकते हो, पर साँप इंसान नहीं होता

उनकी यह घटना हमें यही बताती है कि प्रकृति को समझो, प्रेम करो… लेकिन यह भी जानो कि प्रकृति अपने नियमों पर चलती है। साँप को दूध पिलाने से वह पालतू नहीं होता – मुरलीवाला जानते थे यह बात, लेकिन उनके जीवन की साधना केवल सेवा थी, नियंत्रण नहीं।

हमारा कर्ज़

आज जब मुरलीवाला हौसला अस्पताल के बिस्तर पर आराम कर रहे हैं, तो लाखों लोग दुआ कर रहे हैं – क्योंकि उन्होंने हमें सिखाया कि डर के पीछे भी जीवन होता है।

उनका जीवन, उनकी कर्मठता और साहस उन सभी के लिए मिसाल है जो जीवों से प्रेम करते हैं, और यह भी कि सेवा करने वाले के पास केवल इरादा होता है – बदले की कोई अपेक्षा नहीं।

मुरलीवाला हौसला को सलाम – तुम सिर्फ साँपों के नहीं, इंसानियत के भी सच्चे मित्र हो।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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