
बड़ौत (उत्तर प्रदेश):
देश के सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक, तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में मछली के तेल और पशु चर्बी की मिलावट के सनसनीखेज मामले की जांच अब उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई है। इस मामले में आंध्र प्रदेश की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने गुरुवार को बड़ौत शहर में छापेमारी कर अहम सबूत जुटाए।
बड़ौत में आनंद पांचाल के घर पर छापा
SIT की टीम ने बड़ौत के गुराना रोड, 30 फुटा इलाके में तेल आपूर्ति से जुड़े आनंद पांचाल के घर पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान दस्तावेजों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई, ताकि तेल सप्लाई नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ा जा सके। स्थानीय पुलिस ने SIT को सुरक्षा मुहैया कराई।
बड़ौत थाना प्रभारी मनोज कुमार चहल के अनुसार, आंध्र प्रदेश पुलिस ने जांच से जुड़ी विशेष जानकारी साझा नहीं की, केवल सुरक्षा बल की मांग की थी।
बुढ़ाना-बड़ौत से जुड़ा संदिग्ध नेटवर्क
जांच में सामने आया है कि संदिग्ध तेल की आपूर्ति बड़ौत और बुढ़ाना से की जा रही थी। आनंद पांचाल का एक बुढ़ाना निवासी व्यक्ति से संपर्क था, जो पहले से एजेंसियों की निगरानी में है। बड़ौत में स्थित एक फैक्ट्री से तेल और घी की आपूर्ति होती थी, जो मंदिर प्रशासन तक पहुंचती थी।
फरार है मुख्य आरोपी
छापेमारी के दौरान आनंद पांचाल मौके से फरार मिला। जानकारी के मुताबिक वह ट्रक चालक है और अक्सर बाहर रहता है। वह एक चीनी मिल से जुड़ा है और गन्ना आपूर्ति का काम करता है। अब एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि तिरुपति मंदिर तक भेजे गए प्रसाद के लिए इस्तेमाल हुए तेल में मिलावट किस स्तर पर हुई और इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं।
तेल सप्लाई चेन की गहराई से जांच
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित SIT इस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। जांच का फोकस इस बात पर है कि यह मिलावटी तेल किन-किन मंदिरों या संस्थानों तक पहुंचाया गया और इसकी जड़ें कितनी गहरी हैं।
तिरुपति बालाजी जैसे आस्था के केंद्र में इस प्रकार की मिलावट न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को आहत करती है, बल्कि खाद्य सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल उठाती है। अब पूरा देश इस बात का इंतजार कर रहा है कि SIT की जांच से कौन-कौन चेहरे बेनकाब होते हैं और क्या धार्मिक आस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ करने वालों को सज़ा मिलेगी।