
गाजीपुर – रामपुर मांझा क्षेत्र में एक होनहार शिक्षक नीरज पांडेय ने अपने छात्र को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। नीरज की मौत ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे इलाके को गमगीन कर दिया।
घटना का विवरण
18 जनवरी की रात नीरज पांडेय अपने चार छात्रों के साथ कार से घर लौट रहे थे। उनके दो अन्य छात्र बाइक पर आगे चल रहे थे। जब वे चकेरी स्थित हरिजन कल्याण विद्यालय के पास पहुंचे, तो वहां मौजूद बदमाशों ने बाइक सवार छात्रों को रोक लिया। श्वेतांक शर्मा नाम के छात्र को बदमाशों ने गालियां देते हुए पीटना शुरू कर दिया।
पीछे कार में बैठे नीरज ने जब अपने छात्र को पिटते देखा, तो वे तुरंत मदद के लिए उतरे। नीरज ने छात्रों को बचाने का प्रयास किया, लेकिन बदमाशों ने डंडों से उन पर हमला कर दिया। सिर पर गंभीर चोट लगने से नीरज वहीं अचेत होकर गिर पड़े।

अस्पताल में इलाज के दौरान मौत
गंभीर रूप से घायल नीरज और छात्र श्वेतांक को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर नीरज को वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया, लेकिन 21 जनवरी की रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
होनहार शिक्षक की अधूरी उम्मीदें
मुड़ियार गांव के निवासी 30 वर्षीय नीरज पांडेय शिक्षण कार्य के साथ खुद भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने हाल ही में नेट और जेआरएफ की परीक्षा पास की थी। उन्हें बिहार के एक इंटर कॉलेज में प्रवक्ता पद पर नियुक्ति मिली थी, जहां उन्हें 15 फरवरी को ज्वाइन करना था। उनकी इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल था, लेकिन बदमाशों की दरिंदगी ने सब कुछ खत्म कर दिया।
परिवार में मातम
नीरज की मौत से उनकी पत्नी पूजा, मां बीना देवी और एक वर्षीय बच्चे का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी बार-बार अपने बच्चे को गोद में लेकर बेसुध हो जा रही थी। घर पर शव पहुंचने पर माहौल गमगीन हो गया। परिजनों के साथ गांववाले भी दुखी हैं।
पुलिस पर सवाल और कार्रवाई का भरोसा
नीरज के चाचा सुनील कुमार ने बताया कि घटना की नामजद तहरीर के बावजूद पुलिस ने अभी तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। हालांकि, रामपुर मांझा थानाध्यक्ष ने भरोसा दिलाया है कि हत्या की धारा जोड़कर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।