
SVAMITVA Scheme PM Modi Distributes 65 Lakh Property Cards to Empower Rural Indiaप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक परिवारों को स्वामित्व कार्ड वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह दिन देश के गांवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक है। प्रधानमंत्री ने इस योजना को ग्रामीण व्यवस्था में एक मील का पत्थर बताया, जो आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगी और गांवों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
पांच वर्षों की उपलब्धियां
प्रधानमंत्री ने बताया कि स्वामित्व योजना की शुरुआत 5 साल पहले हुई थी, जिसके तहत अब तक लगभग डेढ़ करोड़ लोगों को स्वामित्व कार्ड दिए जा चुके हैं। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के अधिकार प्रदान करना और उनकी कानूनी मान्यता सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार पूरी ईमानदारी से ग्राम स्वराज को जमीन पर उतारने का प्रयास कर रही है। पहले की सरकारों ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए, लेकिन हमने इस चुनौती का समाधान स्वामित्व योजना के माध्यम से किया।”
ड्रोन से मैपिंग और डिजिटल लैंड रिकॉर्ड
प्रधानमंत्री ने बताया कि ड्रोन की मदद से गांवों में घरों और जमीनों की मैपिंग कराई गई और लोगों को उनकी संपत्ति के दस्तावेज सौंपे गए।
- अब तक 23 करोड़ भू-आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं।
- बीते 7-8 वर्षों में 98% लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया गया है।
उन्होंने कहा कि स्वामित्व और भू-आधार गांवों के विकास का आधार बनेंगे। यह व्यवस्था न केवल ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाएगी, बल्कि आपदा की स्थिति में उचित क्लेम मिलना भी आसान होगा।
प्रॉपर्टी राइट्स: एक वैश्विक चुनौती
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में क्लाइमेट चेंज, पानी की कमी, महामारी जैसे संकटों के साथ-साथ प्रॉपर्टी राइट्स की समस्या भी एक बड़ी चुनौती रही है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की एक स्टडी का जिक्र किया, जिसमें यह पाया गया कि दुनिया के कई देशों में लोगों के पास संपत्ति के पक्के कानूनी दस्तावेज नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “गरीबी कम करने के लिए प्रॉपर्टी राइट्स होना बेहद जरूरी है। स्वामित्व योजना इस दिशा में भारत के गांवों के लिए क्रांतिकारी कदम है।”
गांवों की आर्थिक शक्ति का आधार
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना से गांवों में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और ग्रामीण समाज सशक्त होगा। उन्होंने इस पहल को ग्रामीण भारत के समग्र विकास का मजबूत स्तंभ बताया।