
Mahayuti Government Formation Row: महाराष्ट्र में महायुति की प्रचंड जीत के बाद 5 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है, लेकिन महायुति में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसे लेकर घमासान जारी है। हालांकि, शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पहले ही कह चुके हैं कि इसका फैसला बीजेपी करेगी, फिर भी अटकलें लगातार बनी हुई हैं। खासकर, शिंदे के अपने गांव जाने और फिर बैठकों के रद्द होने से यह अटकलें और तेज हो गई हैं, जिससे यह लगता है कि वह नाराज हैं।
महाराष्ट्र की सियासत पर गहरी नजर रखने वाले इसे शिंदे का सियासी दांव मानते हैं। उनका कहना है कि कुछ मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच बातचीत नहीं बन पा रही है। हालांकि, यह तय माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर बीजेपी का कब्जा रहेगा और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन शिंदे सरकार में शामिल होंगे या नहीं, इस पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है।
बीजेपी और शिवसेना के बीच क्यों है तनातनी?
मीडिया में यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी और शिवसेना के बीच तनातनी का कारण गृह मंत्रालय है। एकनाथ शिंदे चाहते हैं कि गृह मंत्रालय उनके पास हो, जो पहले कभी उनके पास नहीं रहा। महायुति की सरकार बनने के बाद भी गृह मंत्रालय देवेंद्र फडणवीस के पास था, जबकि शिंदे इस विभाग में कोई दखल नहीं कर पाए थे। पहले जब शिवसेना के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी सरकार बनी थी, तब भी गृह मंत्रालय एनसीपी के पास चला गया था, जबकि शिवसेना को यह विभाग मिलने की उम्मीद थी।
गृह मंत्रालय क्यों चाहते हैं शिंदे?
महाराष्ट्र में गृह मंत्रालय को राज्य के मुख्यमंत्री के बाद दूसरा सबसे ताकतवर विभाग माना जाता है। ऐसे में, जब शिंदे मुख्यमंत्री का पद बीजेपी के लिए छोड़ रहे हैं, तो गृह मंत्रालय को लेकर उनकी यह इच्छा समझी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी गृह मंत्रालय और मुख्यमंत्री पद दोनों को अपने पास रखना चाहती है और किसी भी हालत में किसी अन्य को यह विभाग नहीं देना चाहती।